बिहार के जमुई के अलीगंज-इस्लामनगर प्रखंड के इस्लामनगर गांव में सोमवार को जश्न का माहौल था. वजह था कि इस गांव के लाल ने न केवल अपने गांव का बल्कि देश का नाम रौशन किया है. साधारण गरीब और किसान परिवार से आने वाले 23 साल के शैलेश कुमार ने पैरा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है और अब सोमवार को उनकी घर वापसी हुई है. बिहार सरकार की योजना मेडल लाओ नौकरी पाओ के तहत शैलेश को फिलहाल नौकरी करने का कोई इरादा नहीं है. बल्कि शैलेश का सपना है कि पेरिस में होने वाले पैरा ओलंपिक गेम्स में गोल्ड पर निशाना साधना. बिहार तक ने शैलेश से खास बातचीत की है.
पैरा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रौशन करने वाले शैलेश कुमार का सोमवार को घर वापसी होने पर जोरदार स्वागत किया गया. गांव में खुशी का माहौल था, गांव के लोग काफी खुश थे. शैलेश को बधाई देने को लेकर उनके घर पर लोगों का तांता लगा हुआ था. चीन में आयोजित पैरा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने की जैसे ही घोषणा हुई वो खुशी से झूम उठे. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने के बाद उन्होंने सारा ध्यान एशियन गेम्स में सोना जीतने पर केंन्द्रित कर दिया था.
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शैलेश ने कहा कि गोल्ड जीत कर सबसे पहले जानकारी अपने परिवार वालों को दी. फिर जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का ट्वीट देखा तो काफी अच्छा लगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली लौटने पर उऩकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हुई. पीएम मोदी ने उनके बारे में उनसे जानकारी ली और कहा कि इसी तरह आगे बढ़ते रहो देश आपके साथ है. शैलेश ने कहा कि वर्ल्ड चैंपियनशिप की तुलना में एशियन गेम्स में उनका परफॉरमेंस ज्यादा ठंड होने की वजह से अच्छा नहीं रहा, लेकिन उम्मीद है पेरिस में होने वाले पैरा ओलंपिक में उनका प्रदर्शन और बेहतर होगा.
शैलेश ने कहा कि पटना आने पर उनकी मुलाकात बिहार सरकार के खेल मंत्री से हुई. उन्होंने कहा कि पदक जीतने पर सरकार की ओर से ग्रेड वन की नौकरी और एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार की इस घोषणा को वो प्रेरणा के रूप में लेकर खेल को और बेहतर करने की दिशा में ट्रेनिंग लेते रहेंगे. उन्होंने कहा कि एक जोश और जुनून की वजह से वो आज इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार में खेल को लेकर जो सुविधा है वो दूसरे राज्यों की तुलना में कम है. उन्होंने कहा कि बिहार के खिलाड़ियों को उतनी सुविधा नहीं मिल पा रही जितनी मिलनी चाहिए. बिहार में खेल के मैदान और स्टेडियम की काफी कमी है, जिसे सरकार को दूर करना चाहिए. साथ ही बिहार के खिलाड़ियों को बिहार में ट्रेनिंग मिल सके इसकी व्यवस्था भी करनी चाहिए. ताकि उन्हें दूसरे राज्य न जाना पड़े. शैलेश कुमार को इस बात का दुख था कि जिला प्रशासन के किसी भी पदाधिकारी ने फोन कर उन्हें बधाई नहीं दी.
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