प्याज के प्रमुख उत्पादक महाराष्ट्र में खरीफ फसल की आवक में देरी हो रही है. इससे उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ रही है. नई फसल की आवक में देरी के कारण महाराष्ट्र के नासिक जिले की मंडियों में एक सप्ताह में थोक प्याज की कीमतें लगभग 30 फीसदी तक बढ़ गई हैं. इससे किसान खुश हैं. लेकिन उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ गई है. जबकि अन्य राज्यों में, नासिक की तुलना में कीमत में वृद्धि कम है. लेकिन नासिक को ही प्याज की कीमतों के लिए बेंचमार्क माना जाता है. क्योंकि महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है और महाराष्ट्र में सबसे बड़ा उत्पादक नासिक जिला है.
जब अगस्त में दाम बढ़ रहा था, तब सरकार ने 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाकर प्याज की कीमतों को कम कर दिया. लेकिन अब दाम बढ़ रहा है तो सरकार क्या करेगा इसका कुछ पता नहीं. एगमार्कनेट द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव कृषि उपज विपणन समिति सहित नासिक जिले के अधिकांश थोक बाजारों में, प्याज की कीमतें पिछले सप्ताह 23-24 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 32-33 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं.
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मुंबई स्थित एक निर्यातक ने कहा, प्याज की कीमतें फिर से बढ़ने लगी हैं क्योंकि खरीफ फसल वाली लाल प्याज की आवक में एक महीने की देरी होने की उम्मीद है. उत्तरी महाराष्ट्र के प्याज क्षेत्र में बारिश से खेती काफी कम हुई है. मॉनसून के महीनों के दौरान, प्याज की आपूर्ति पिछले सीज़न की रबी फसल से होती है जिसे किसान मार्च-अप्रैल के दौरान कटाई के बाद भंडारित करते हैं. इस साल भंडारित प्याज की गुणवत्ता अच्छी नहीं थी. देश में शीर्ष प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में देरी और अपर्याप्त बारिश के कारण नई फसल को लेकर भी चिंताएं हैं. खराब मौसम की वजह से फसल के नुकसान से किसानों को आर्थिक तौर पर बड़ी चोट पहुंची है.
सूत्रों का कहना है कि मासिक मूल्य प्रवृत्ति विश्लेषण से पता चलता है कि दिल्ली सहित कई राज्यों में, अक्टूबर में थोक प्याज की कीमतों में महीने-दर-महीने 5-7 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि महाराष्ट्र में, कीमतों में महीने-दर-महीने 15 फीसदी की वृद्धि हुई है. यानी अन्य राज्यों के मुकाबले महाराष्ट्र में प्याज की कीमतें ज्यादा तेजी से बढ़ रही हैं. जबकि वो सबसे बड़ा प्याज उत्पादक प्रदेश है. कीमतें बढ़ना किसानों के लिए अच्छा है क्योंकि काफी दिनों से किसानों को प्याज का उचित दाम नहीं मिल रहा था.
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