
ये कहानी एक ऐसे किसान की है जो कभी विदेश में खेती-बाड़ी कर चुका है. लेकिन उसका मन हमेशा हरियाणा के अपने गांव में लगा रहता था. विदेश में रहते हुए वह सपने संजोता था कि एक दिन वतन वापस लौटेगा और अपने गांव में खेती-बाड़ी करेगा. उससे होने वाली कमाई से पूरे परिवार का भरण-पोषण करेगा. यह कहानी हिनोरी गांव के संदीप की है जो पुर्तगाल में रह कर खेती-बाड़ी करते थे. संदीप पुर्तगाल में ही मेहनत-मजदूरी भी करते थे. बाद में वे अपने गांव लौटे और खेती-बाड़ी शुरू की. नतीजा हुआ कि उन्होंने महज साल भर में अपनी खेती से 15 लाख रुपये की कमाई की है.
करनाल के हिनोरी गांव के संदीप की खेती दूर-दूर तक किसानों के लिए मिसाल बनी हुई है. संदीप ऐसे वक्त में मशहूर हुए हैं जब यहां के लोग विदेशों में जाकर कमाना चाहते हैं. भले ही इसके लिए उन्हें विदेशों में मजदूरी क्यों न करनी पड़े, लेकिन देश में वे खेती से दूर होते जा रहे हैं. ऐसे लोगों को संदीप ने एक मैसेज दिया है कि देश में भी अच्छी कमाई की जा सकती है, वह भी खेती-बाड़ी से. बस किसान के मन में खेती-बाड़ी का जुनून होना चाहिए.
पुर्तगाल से लौटे किसान संदीप ने अपने हिनोरी गांव में खेती की नई विधियों के बारे में सीखा. फिर उसी आधार पर उन्होंने खेती शुरू की. किसान संदीप ने बताया कि एक साल विदेश में रहने के बाद जब वे वापस अपने देश लौटे तो शुरुआत में उन्होंने दो नेट हाउस में खीरे की फसल लगाई. इस तरह नेट हाउस में खीरे की खेती कर संदीप ने 15 लाख रुपये का मुनाफा कमाया है. इस 15 लाख के अलावा लेबर, खाद और पानी का खर्च अलग है.
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हिनोरी गांव के रहने वाले संदीप ने किसानों से अपील कि है कि जो भी लोग विदेश जाना चाहते हैं, वे विदेश न जाकर अपने गांव में ही खेती-बाड़ी करें. उसी खेती-बाड़ी में कई बेहतर संभावनाएं हैं जिनसे अच्छी कमाई की जा सकती है. संदीप कहते हैं कि लोग अपनी खेती की तरफ ध्यान दें, आधुनिक कृषि खेती को अपनाएं जिसमें बहुत फायदा है. संदीप कहते हैं, लोग जितने पैसे विदेश में कमाते हैं, उससे ज्यादा अपने देश में रहकर खेती से कमाई की जा सकती है.
संदीप ने बताया कि नेट हाउस में खीरे की फसल में ड्रिप सिंचाई के जरिये पानी दिया जाता है. इसमें ऑर्गेनिक खाद भी लिक्विड के रूप में ड्रिप सिंचाई के द्वारा दी जाती है. इस समय खीरे की फसल में तुड़ाई का काम चल रहा है. खेतों से खीरे तोड़कर बाजार में भेजे जा रहे हैं. किसान संदीप बताते हैं कि नेट हाउस में खीरा लगाने से उनकी उपज अच्छी और साफ-सुथरी निकली है. खीरे का साइज भी अच्छा है जिसका बाजारों में सही रेट मिल रहा है. इस खीरे का दाम खेत की सतह पर उगाए जाने वाले खीरे से अधिक मिल रहा है.
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नेट हाउस में खीरे की खेती के कई फायदे हैं. इसमें किसानों को पहली बार कुछ अधिक खर्च करने होते हैं, लेकिन बाद में कमाई बेहतर हो जाती है. नेट हाउस में खीरे की फसल की बुआई के 40 दिन बाद फसल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. ग्रीष्मकालीन और वर्षाकालीन फसल की अवधि 2.5 से 3.0 महीने तक होती है जबकि सर्दी की फसल की अवधि 3.0-3.5 महीने की होती है. इस प्रकार के खीरे को आठ से 10 सेमी लंबाई और कम मोटाई में तोड़कर ग्रेडिंग करके बाजार में अधिक भाव पर बेचा जा सकता है. साथ ही, नेट हाउस की खेती पर सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाती है जिसका फायदा किसान आसानी से उठा सकते हैं.
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