रिटायरमेंट में जब लोग अपनी पेंशन के साथ आराम की जिंदगी बिताने का सपना देखते हैं तो केरल में एक शख्स खेती करके अपना समय बिताने में लगे हुए थे. लेकिन उनके इस शौक ने कई लोगों को प्रभावित किया और साथ ही हर साल उन्हें लाखों की कमाई का मौका भी दिया. केरल के पूर्व बैंकर जोसेफ केएस ने बंजर और पथरीली जमीन पर ड्रैगन फ्रूट को उगाकर, अब इसे एक फलदार बाग में बदल दिया है. सिर्फ इतना ही नहीं जोसेफ ड्रैगन फ्रूट की खेती से हर साल 50 लाख रुपये तक सफलतापूर्वक कमा रहे हैं. आपको यह जानकर और भी हैरानी होगी कि जोसेफ कभी इस जमीन पर रबर के पौधे उगाते थे.
केरल के एक गांव रन्नी के रहने वाले जोसेफ साल 2016 तक रबर की खेती करते थे. इससे उन्हें कुछ फायदा तो नहीं हो रहा था बल्कि वह एक बड़े घाटे में आ गए थे. फिर उन्होंने उसी साल रबर की जगह ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का बड़ा फैसला लिया. फैसले के साथ कई तरह की चुनौतियां भी थीं लेकिन जोसेफ अपने फैसले पर अडिग थे. वेबसाइट 30 स्टेड्स के अनुसार जोसेफ के पास रबर के कई पेड़ थे. इन पेड़ों के साथ पानी की खपत भी बहुत ज्यादा थी. साथ ही कोई फायदा भी नहीं हो रहा था. वह अपनी जमीन पर कोई ऐसी फसल उगाना चाहते थे जिससे उन्हें अच्छा-खासा फायदा हो सके. इसी समय उन्हें ड्रैगन फ्रूट की खेती का ख्याल आया.
जोसेफ अपने खेत में कुछ निवेश करना चाहते थे और इस बारे में योजना बनाने में लगे हुए थे. इसी समय उन्हें ड्रैगन फ्रूट के बारे में पता लगा और उन्होंने इसमें प्रयोग करने के बारे में सोचा.जोसेफ ने सिर्फ 200 सैपलिंग के साथ शुरुआत की थी. उस समय उन्होंने पौधे के बारे में हर जानकारी इकट्ठा की. जोसेफ ने यह तक जाना कि इसकी खेती के लिए किस तरह की मिट्टी चाहिए होगी, कैसा कीटनाशक चाहिए और यहां तक कि इससे उपज कितनी मिलेगी, इस बारे में भी उन्होंने जानकारियां जुटाईं.
जोसेफ के अनुसार जब उन्होंने इसकी खेती शुरू की थी तो उनके इलाके के लोगों को ड्रैगन फ्रूट के बारे में ज्यादा नहीं मालूम था. लोग उनसे पूछते थे कि यह फल कैसा होता है और कैसा दिखता है. ऐसे में शुरुआती दिनों में इसकी मार्केटिंग भी काफी चुनौतीपूर्ण थी. फल को बेचने से पहले उन्होंने इसके बारे में लोगों को जागरूक करना शुरू किया.
आज जोसेफ का खेत 10 एकड़ से भी ज्यादा हिस्से में फैला हुआ है. आज उनके खेत में 5000 से ज्यादा कंक्रीट के खंभों या फिर जाली में ड्रैगन फ्रूट लगा हुआ है. हर पोल एक से चार पौधों को सहारा दे रहा है यानी कुल 20 हजार पौधे खेत में लगे हुए हैं. जोसेफ मलेशियन ड्रैगन फ्रूट की खेती करते हैं. वह सुबह 6 बजे जागते हैं और खेत पर पहुंच जाते हैं. जोसेफ के खेत में उगे ड्रैगन फ्रूट न सिर्फ केरल के लोकल मार्केट में पहुंचते हैं बल्कि खाड़ी देशों को भी निर्यात किए जाते हैं. जोसेफ सिर्फ जैविक खाद और नीम की खली का प्रयोग इसकी खेती के लिए करते हैं.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today