स्‍ट्रॉबेरी की खेती से बढ़‍िया मुनाफा कमा रहे उधमपुर के किसान, केंद्र की योजनाओं से मिल रही भारी सब्सिडी

स्‍ट्रॉबेरी की खेती से बढ़‍िया मुनाफा कमा रहे उधमपुर के किसान, केंद्र की योजनाओं से मिल रही भारी सब्सिडी

उधमपुर जिला तेजी से स्ट्रॉबेरी उत्पादन केंद्र के रूप में उभर रहा है, जहां बड़ी संख्या में किसान स्ट्रॉबेरी की खेती को अपना रहे हैं. किसानों ने बताया कि 50 रुपये प्रति 250 ग्राम के मौजूदा बाजार मूल्य के कारण किसानों में उत्साह है. उन्‍होंने केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई पहलों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है. 

Advertisement
स्‍ट्रॉबेरी की खेती से बढ़‍िया मुनाफा कमा रहे उधमपुर के किसान, केंद्र की योजनाओं से मिल रही भारी सब्सिडीस्‍ट्रॉबेरी तोड़ते हुए किसान. (फोटो- एएनआई)

जम्मू और कश्मीर का उधमपुर जिला तेजी से स्ट्रॉबेरी उत्पादन केंद्र के रूप में उभर रहा है, जहां बड़ी संख्या में किसान स्ट्रॉबेरी की खेती को अपना रहे हैं. किसानों को इसमें सफलता मिल रही है. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए, जिले के किसानों ने स्ट्रॉबेरी के खेत लगाए हैं, जो अच्छी कमाई कर रहे हैं, खासकर इस सीजन में स्ट्रॉबेरी के दामों में उछाल आया है. किसानों ने बताया कि 50 रुपये प्रति 250 ग्राम के मौजूदा बाजार मूल्य के कारण किसानों में उत्साह है. उन्‍होंने केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई पहलों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है. 

2021 के बाद बढ़ाया खेती का दायरा

उधमपुर जिले के मजालता तहसील के थलोरा गांव के किसान और उद्यमी विनोद शर्मा जिले में कृषि नवाचार का एक ऐसा ही उदाहरण हैं. 2021 में सीमित पैमाने पर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू करने के बाद, शर्मा ने अब इसे नौ कनाल भूमि तक बढ़ा दिया है, जहां इसकी शानदार फसल से उन्हें भारी मुनाफा हो रहा है.

योजनाओं से मिली भारी सब्सिडी

उन्होंने पारंपरिक फसलों की खेती से हटकर स्ट्रॉबेरी की खेती की और इससे उनकी आजीविका में बदलाव आया है. सरकारी सब्सिडी बहुत ज़्यादा है, शर्मा को प्रति कनाल 13,000 रुपये मिलते हैं, ऐसे में उन्‍हें नौ कनाल खेत से 1,17,000 रुपये सब्सिडी के रूप में मिले. इसके अलावा, उन्हें पैकिंग हाउस, बोरवेल और सुरक्षात्मक जाल सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए सहायता मिली, जिससे पिछले सीज़न में उनका कृषि उद्यम एक लाभदायक उद्यम बन गया और उन्हें अच्छे रिटर्न की उम्मीद है. 

शर्मा बताते हैं कि पहले वह नियमित फसलों पर निर्भर थे, लेकिन स्ट्रॉबेरी की खेती ने उनकी पूरी ज़िंदगी बदल दी है. इस बार उन्‍होंने नौ कनाल स्ट्रॉबेरी लगाई है. वह पिछले पांच सालों से स्ट्रॉबेरी उगा रहे हैं. उन्‍होंने 2-2.5 कनाल से शुरुआत की थी और अब अच्‍च्‍छी कमाई हासिल कर रहे हैं.

फसल सुरक्षा के लिए जाल पर सब्सिडी

बागवानी विभाग से बहुत सारी योजनाओं से लाभ मिला है और प्रति कनाल 13,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है. विभाग ने मुझे एक बोरवेल भी दिया है. पक्षियों को दूर रखने के लिए मुझे सब्सिडी पर जाल भी दिया गया है. केंद्र सरकार की कई योजनाओं में 95 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है. 

स्‍ट्रॉबेरी की कीमत में हुई वृद्धि

इस बीच, उधमपुर जिले के चाई गांव में किसान रशपाल सिंह ने भी स्ट्रॉबेरी की खेती के माध्यम से काफी सफलता हासिल की है. फसल के विकास को खतरे में डालने वाली शुष्क मौसम की स्थिति से शुरुआती चुनौतियों के बावजूद, हाल ही में हुई बारिश ने स्ट्रॉबेरी के पौधों को पुनर्जीवित कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप भरपूर फसल हुई. पंचायत कु में दो कनाल भूमि पर स्ट्रॉबेरी उगाने वाले सिंह ने फल और सब्जी बाजार में बाजार मूल्य में भारी वृद्धि देखी है, जो पिछले सीजन में उन्हें मिलने वाले 15 से 20 रुपये से कहीं अधिक है.

उन्होंने कहा कि मुझे पहले की तुलना में बाजार में स्ट्रॉबेरी के लिए अच्छे दाम मिल रहे हैं. फसल भी अच्छी हुई है. हमें 200 ग्राम स्ट्रॉबेरी के एक पैकेट के लिए लगभग 35 रुपये मिलते हैं. जम्मू-कश्मीर में सरकारी योजनाएं युवाओं को बागवानी की ओर प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, जिसमें नई तकनीकें और उच्च-लाभ की संभावनाएं मुख्य प्रेरक हैं. भारत सरकार और बागवानी विभाग द्वारा शुरू किए जा रहे ये कार्यक्रम आत्मनिर्भर युवा उद्यमी बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो नौकरी की तलाश करने के बजाय रोजगार पैदा करते हैं. (एएनआई)

POST A COMMENT