
मुजफ्फरपुर के संजू भाई ने एक डेजर्ट रोज (एडेनियम) के पौधे से हजारों एडेनियम के पौधे तैयार किए हैं. वे एडेनियम के बीजों को सीड ट्रे में लगाते हैं और अलग-अलग रंगों के डेजर्ट रोज तैयार करते हैं. मुजफ्फरपुर के संगीत गुरु संजय कुमार उर्फ संजू बाबा अब एडेनियम बाबा के नाम से मशहूर हैं, क्योंकि वे अपने घर की छत पर लगे एक एडेनियम के पेड़ से हजारों एडेनियम के पौधे उगाते हैं. वे बीज को कोको पीट (नारियल की भूसी) में सीड ट्रे में लगाते हैं, जो दस दिनों में पौधा बन जाता है.
इसके बाद वे इसे दूसरे ट्रे में ट्रांसफर कर देते हैं, जहां दो महीने तक छोड़ देते हैं, ताकि यह पौधे का रूप ले ले. इसके बाद वे इसे पैकेट में पैक कर नर्सरी मालिक को देते हैं और एक बार में एक हजार पौधे सप्लाई करते हैं, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी होती है.
यह एक अनोखा और रोचक तरीका है जिससे संजू बाबा एडेनियम के पौधे तैयार करते हैं और अपनी आमदनी बढ़ाते हैं. दस साल पहले उन्होंने नर्सरी से डेजर्ट रोज का पौधा खरीद कर अपने टैरेस गार्डन में लगाया था. फिर उन्होंने बीज ट्रे में बोये और 35 किस्म के हजारों डेजर्ट रोज (एडेनियम) के पौधे उगाए. शुरुआत में वे इन्हें पड़ोसियों और रिश्तेदारों को देते थे, लेकिन अब वे नर्सरी मालिकों को 50 रुपये प्रति पौधे के हिसाब से देते हैं.
मुजफ्फरपुर के संगीत गुरु संजय कुमार उर्फ संजू बाबा एडेनियम बाबा के नाम से मशहूर हैं, क्योंकि वे अपने घर की छत पर लगे एक एडेनियम के पौधे से हजारों एडेनियम के पौधे तैयार करते हैं, वो भी कोको पीट (नारियल की भूसी) में जोगर के साथ सीड ट्रे में जहां दस दिनों में बीज से अंकुरित हो जाता है. फिर इसे दूसरे ट्रे में ट्रांसफर कर करीब दो महीने के लिए वहीं छोड़ दिया जाता है.
ये भी पढ़ें: घर पर ही उगा सकते हैं अदरक, जानिए क्या है इसका तरीका
संजय कुमार उर्फ एडेनियम बाबा ने बताया कि 10 साल पहले उन्होंने 50 रुपये में एडेनियम का पौधा खरीदकर छत पर लगे बगीचे में लगाया था. इसका परागण कर उन्होंने 35 अलग-अलग किस्में तैयार कीं और इसके बीजों को सीड ट्रे में डालकर एक बार में हजारों पौधे तैयार कर लेते हैं. शुरुआत में पड़ोसियों और रिश्तेदारों को पौधे दे देता था, अब इतने पौधे तैयार हो जाते हैं कि उन्हें नर्सरी में सप्लाई कर देते हैं. इसमें लागत नहीं के बराबर आती है. एडेनियम के बीज को सीड ट्रे में डालने पर दस दिन में पौधा तैयार हो जाता है. इसके बाद वे इसे दूसरे ट्रे में डालकर कुछ दिन के लिए छोड़ देता हैं. कुछ दिन बाद वे इसे पैकेट में डालकर नर्सरी में एक बार में हजार पौधे सप्लाई कर देते हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today