हाईटेक तकनीक से खेती कर दोगुनी कमाई ले रहे हैं रामगढ़ के किसान, एक एकड़ में 3 लाख की इनकम

हाईटेक तकनीक से खेती कर दोगुनी कमाई ले रहे हैं रामगढ़ के किसान, एक एकड़ में 3 लाख की इनकम

रामगढ़ जिले के मांडू कृषि विज्ञान केंद्र में गुरुवार को किसान संगोष्ठी की एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस किसान संगोष्ठी में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष किसानों को नई प्रणाली से खेती करने के लिए प्रेरित किया गया, ताकि वे अपनी आय में ज्यादा से ज्यादा वृद्धि कर सकें. इस संगोष्ठी में बिहार और झारखंड के कई कृषि वैज्ञानिक शामिल हुए.

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हाईटेक तकनीक से खेती कर दोगुनी कमाई ले रहे हैं रामगढ़ के किसान, एक एकड़ में 3 लाख की इनकमबागवानी फसलों की खेती

झारखंड के रामगढ़ जिले के किसान हाईटेक तरीके से खेती कर अपनी आय से दोगुनी से अधिक कमाई कर रहे हैं. साथ ही विपरीत मौसम में भी खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं. यहां गुरुवार को किसानों का विशेष प्रशिक्षण हुआ जिसमें खेती की तकनीक के बारे में बताया गया. रामगढ़ जिले के अनुसूचित जाति के किसान कृषि की नई प्रणाली सीखकर सीड प्रोडक्शन, चारा प्रोडक्शन, पशुपालन, नर्सरी प्रोडक्शन और अन्य काम करके न सिर्फ अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं बल्कि अपनी जीवन शैली में भी बदलाव कर रहे हैं.

इस मामले में आईसीएआर, पूर्वी पटना परिसर के निदेशक अनूप दास ने बताया कि आज नई प्रणाली से खेती कर किसान एक एकड़ से तीन तीन लाख रुपये तक लाभ कमा रहे हैं. एक महिला ने तो पांच लाख रुपये तक लाभ कमाया है. ऐसे कई उदाहरण हैं. अनूप दास ने कहा कि आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम का फोकस इस बात पर था कि जनजातीय लोगों को कैसे रोजगार और आंत्रप्रेन्योरशिप से जोड़ा जाए. इसमें कृषि विज्ञान केंद्र का बहुत अच्छा काम किया है. इसमें शूकर आधारित कृषि प्रणाली प्रमुख है. इसके अलावा चारा उत्पादन और नर्सरी प्रोडक्शन से इनकम बढ़ाई जा सकती है. कृषि विज्ञान केंद्र ने सीड प्रोडक्शन जैसा काम भी बहुत अच्छा किया है.

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नई तकनीक से किसानों की मदद

उन्होंने बताया कि सब्जियों और बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाकर किसानों को मदद की जाएगी. इसके लिए किसानों के बीच जाकर बताया जाएगा और उनकी आमदनी बढ़ाई जाएगी. सब्जियों का बीज उत्पादन बढ़ाकर भी कमाई बढ़ाई जा सकती है. किसानों की मदद में धान बुवाई की नई तकनीक बताई जा रही है जिसमें डीएसआर तकनीक प्रमुख है. इसमें जरूरी है कि जनजातीय किसान भाई-बहनों के साथ बैठा जाए और उन्हें कृषि से जुड़े उद्यम के बारे में जानकारी दी जाए. एक किसान श्रवण महतो ने बताया कि वे पहले 3 एकड़ में खेती करते थे, लेकिन अब 30 एकड़ में खेती करते हैं. एक एकड़ में वे 3 लाख रुपये तक कमाते हैं. इसमें उन्हें टपक सिंचाई पद्धति और मेड़ आधारित खेती से फायदा मिला है. ऐसे किसान एक साल में तीन सब्जी की खेती करते हैं और एक-एक करोड़ कमाते हैं.

किसानों को मिली खेती की ट्रेनिंग

दरअसल, रामगढ़ जिले के मांडू कृषि विज्ञान केंद्र में गुरुवार को किसान संगोष्ठी की एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस किसान संगोष्ठी में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष किसानों को नई प्रणाली से खेती करने के लिए प्रेरित किया गया, ताकि वे अपनी आय में ज्यादा से ज्यादा वृद्धि कर सकें. इस संगोष्ठी में बिहार और झारखंड के कई कृषि वैज्ञानिक शामिल हुए.

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झारखंड में बड़ी संख्या में जनजातीय किसान हैं जो पूरी तरह से खेती पर आश्रित हैं. इन किसानों को नकदी फसलों से जोड़ने और उनकी कमाई बढ़ाने पर आईसीएआर और उससे जुड़े कृषि विज्ञान केंद्रों का फोकस है. इसे देखते हुए रामगढ़ में गुरुवार को किसानों के लिए ट्रेनिंग सेशन रखा गया जिसमें कई वैज्ञानिक और किसान शामिल हुए. इसमें किसानों को नई टेक्निक के बारे में जानकारी दी गई जिससे वे अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं.

 

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