भारत में खेती किसानी के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है. कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देता है. इसके अलावा देश में कई किसान ऐसे भी हैं जो खेती के साथ-साथ पशुपालन और मत्स्य पालन (मछली पालन) की दिशा में भी काम कर अपनी आय को बढ़ा रहे हैं. मत्स्य पालन विभाग मध्यप्रदेश ने ट्वीट के माध्यम से सिवनी जिले के ऐसे ही एक किसान के सफलता की कहानी बताई है. आइए जानते हैं किस तरह से उन्होंने मछली पालन की शुरुआत कर आर्थिक आय में वृद्धि की है.
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के किसान संतोष कुमार ने बताया कि उन्होंने कॉलेज के बाद से ही अपनी 12 एकड़ की कृषि भूमि में खेती करना शुरू कर दिया था. उन्होंने ने बताया कि खेती से उन्हें सालाना लगभग 4 लाख की आय मिलती थी जो कि जरूरत के हिसाब कम थी. उसके बाद उन्होंने मत्स्य पालन विभाग की सलाह ली जिसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की पूरी जानकारी मिली और उन्होंने मछली पालन शुरू किया.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत किसान संतोष ने 0.10 हेक्टेयर जमीन में तालाब की खुदाई कराई और पंगेशियस मछली पालन शुरू किया जिससे पहले साल उन्हें 2500 किलो मछली उत्पादन कर लगभग 2.50 लाख की आय प्राप्त की. लागत को निकाल कर उन्हें लगभग 1.50 लाख का फायदा हुआ. इसी क्रम में दूसरे वर्ष उन्हें लगभग 4000 किलो मछली का उत्पादन कर 3 लाख से अधिक की आय प्राप्त की.
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संतोष ने बताया कि इस समय उन्होंने 8000 पंगेशियस मछली का बीज 2 शिफ्ट में डाला है उनमें से करीब 3500 किलो मछलियां निकाली जा चुकी हैं और करीब इतनी ही मछलियां शेष हैं जो फरवरी महीने तक निकाली जाएंगी. वहीं इस वर्ष के मुनाफे की बात करें तो 7 टन के करीब मछली का उत्पादन हो सकता है जिससे उन्हें करीब 6 लाख की आय और 3.50 लाख तक शुद्ध मुनाफा मिलने की संभावना है.
संतोष ने बताया कि मछली पालन से उन्हें अच्छा मुनाफा प्राप्त होने के साथ आसपास के स्थानीय मछुआरों को रोजगार भी मिला है जो बाजारों में मछलियों की बिक्री भी करते हैं. इसके साथ ही किसान संतोष पटेल को इस साल करीब 0.50 हेक्टेयर भूमि में तालाब खुदाई की स्वीकृति भी मिली है.
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