बांस की खेती में बहुत कम मेहनत और लागत लगने की वजह से देशभर में पिछले कुछ सालों में बांस की खेती का चलन तेजी से बढ़ा है. इसके साथ ही बांस की खेती की एक सबसे अच्छी बात यह है कि बंजर जमीन को भी बांस की खेती से सही बनाया जा सकता है. इसके अलावा यह किसी भी मौसम में खराब नहीं होता. बांस की एक बार खेती करके कई साल तक इससे उपज लिया जा सकता है. यही वजह है कि किसान भी रुचि दिखा रहे हैं. मध्य प्रदेश के नीमच जिले में एक किसान ने बांस की खेती करके अच्छा लाभ कमाया है. आइए जानते है उनके सफलता की कहानी.
मध्य प्रदेश के नीमच कलेक्टर ऑफिस ने ट्वीट कर बताया कि मध्यप्रदेश के नीमच जिले के भाटखेडी गांव के कमलाशंकर विश्वकर्मा ने बांस के उपयोग और बाजार मांग से प्रभावित होकर राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत बांस की खेती कर आत्मनिर्भर बन गए. उन्होंने बताया कि वे एक छोटे किसान हैं. आमदनी बढ़ाने के लिए वर्ष 2020-21 में इस योजना का लाभ लिया और बांस की खेती शुरू की. सरकार ने इस योजना के तहत 120 रु.प्रति पौधा आर्थिक सहयोग दिया है. किसान ने खेत में 1100 बांस के पौधे लगाए थे, जो कि अभी 2 वर्ष के हो चुके है. बांस की कटाई तीसरे साल से शुरू होगी.
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किसान कमलाशंकर विश्वकर्मा सीमांत किसानों में से एक हैं. कृषि एवं उद्यानिकी के जिला एवं ब्लॉक के अधिकारियों के साथ-साथ आत्मा उप संचालक डॉ.यतिन मेहता के मार्गदर्शन में खेत को‘’ फूड फॉरेस्ट’’ कॉन्सेप्ट पर विकसित किया. बांस के साथ पहले साल में सह-फसल के रूप में अश्वगंधा एवं शतावरी की फसल लगाकर मुनाफा कमाया. इसके अलावा बांस बढ़ने पर दूसरे साल फोटो शूट एवं फ़िल्म निर्माण के लिए भी कलाकार एवं प्रोफेशनल फोटोग्राफर खेत मे आकर शूटिंग कर रहे हैं. जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी मिल रही है. उन्हें एक फोटो शूट का 1100 रुपये मिलता है. साथ ही तीसरे साल में बांस की कटाई होने पर अच्छा मुनाफा मिलने की संभावना है.
किसान कमलाशंकर ने खेत में लगभग 30 से 40 प्रकार की औषधियों को भी प्राकृतिक रूप से संरक्षित भी कर रहे हैं. इसके अलावा तीसरे साल बांस की कटाई के बाद बेम्बू फर्नीचर एंड हैंडीक्राफ्ट उद्योग स्थापित करने का प्लान है. उद्योग की स्थापना से न सिर्फ अच्छा मुनाफा मिलेगा बल्कि 15- 20 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा सकेंगे.
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