
ICAR–भारतीय मृदा और जल संरक्षण संस्थान (ICAR-IISWC), देहरादून ने उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए एक व्यापक पहल शुरू की है. विकसित कृषि संकल्प अभियान (VKSA) 2025 के तहत, संस्थान ने 2 जून 2025 को देहरादून जिले के सहसपुर और कालसी ब्लॉकों के 521 किसानों के साथ संवाद किया, ताकि वे किसानों की समस्याओं को समझ सकें और उनका समाधान दे सकें.
किसानों ने अपनी कृषि उत्पादकता में बाधा डालने वाली कई समस्याओं की रिपोर्ट की:
इन समस्याओं के कारण किसानों और युवाओं में बेहतर आजीविका के लिए पलायन की प्रवृत्ति बढ़ी है, जो क्षेत्र में कृषि की स्थिरता को खतरे में डाल रही है.
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इन समस्याओं के समाधान के लिए, ICAR-IISWC ने वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों की अलग-अलग विषयों की टीमों को सक्रिय किया है:
इसके अतिरिक्त, वैज्ञानिक और तकनीकी समर्थन सुरेश कुमार (CTO), एमएस चौहान (CTO), राकेश कुमार (CTO), एमएस बिष्ट (ACTO), इंजीनियर प्रकाश सिंह, इंजीनियर यूसी तिवारी, डॉ. प्रमोद लवाटे, प्रवीण कुमार तोमर, रविशंकर, और सोनू (TAs) की ओर से दिया गया है, जो किसानों-केंद्रित जानकारी का सक्रिय रूप से प्रसार कर रहे हैं.
नेतृत्व और समन्वय: VKSA 2025 अभियान का समन्वय डॉ. एम. मधु, निदेशक, ICAR-IISWC के नेतृत्व में किया जा रहा है, जिसमें डॉ. बैंकय बिहारी, डॉ. एम. मुरुगानंदम, अनिल चौहान (CTO), इंजीनियर अमित चौहान (ACTO), और प्रवीण तोमर (STO) सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं. इनकी सामूहिक प्रयासों से यह 15-दिनीय अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है, जो 29 मई से 12 जून 2025 तक निर्धारित है.
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ICAR-IISWC की VKSA 2025 के माध्यम से की गई सक्रिय पहल इसके क्षेत्र में किसानों और कृषि को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है. मुख्य कृषि चुनौतियों का समाधान करके और सतत प्रथाओं को बढ़ावा देकर, संस्थान खरीफ फसल योजना को बेहतर बनाने, मॉनसून की तैयारी सुनिश्चित करने, और ज्ञान-आधारित कृषि को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है, जिससे उत्तराखंड की पहाड़ी क्षेत्रों में किसानों की आजीविका सुरक्षित हो सके.
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