`किसान कुछ भी उगा सकता है, बशर्ते उसे उसकी मेहनत की सही कीमत मिले ` उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बाराबंकी के कुसुम्भा गांव में 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के दौरान ग्रामीणों से संवाद करते हुए यह बात कही.
कुसुम्भा गांव में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने किसानों से विस्तृत चर्चा की और कम लागत में अधिक लाभ देने वाली उन्नत कृषि पद्धतियों को अपनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि भारत आज विश्व में लगभग 700 लाख टन अनाज और 400 लाख टन फलों का उत्पादन करता है, जो देश की कृषि क्षमता का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि किसान कुछ भी उगा सकता है, बशर्ते उसे उसकी मेहनत की उचित कीमत मिले. सरकार इसी दिशा में कार्य कर रही है ताकि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त हो राज्य सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक खेती, निर्यात-प्रोत्साहन और बाजार से जोड़ने पर फोकस कर रही है. मनोज कुमार ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट को विशेष रूप से कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए विकसित किया जा रहा है, जिससे किसानों की फसलें सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच सकेंगी और उन्हें बेहतर दाम मिल पाएंगे.
मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश इकलौता राज्य है जहां 75 फीसदी भूभाग पर कृषि होती है. वहीं, 85 प्रतिशत से अधिक भूमि सिंचित है. इन तथ्यों से यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रदेश ने कृषि के क्षेत्र में किस कदर प्रगति की है. उन्होंने कहा कि कम लागत, आधुनिक तकनीक, प्राकृतिक खेती और बाजार आधारित उत्पादन से किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं. किसानों से अपील भी की कि वे प्राकृतिक खेती, डिजिटल तकनीकों, बाजार उन्मुख उत्पादन और वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर खेती को व्यावसायिक मॉडल के रूप में विकसित करें.
कार्यक्रम में मुख्य सचिव ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड, अनुदान प्रमाण पत्र और अन्य योजनाओं के लाभार्थी प्रमाण-पत्र भी वितरित किए. साथ ही पौधरोपण कर हरित संकल्प को साकार किया गया.
अभियान के तहत कृषि, उद्यान, पशुपालन, सिंचाई, और शिक्षा विभागों ने प्रदर्शनियों के माध्यम से उन्नत बीज, ड्रोन तकनीक, ई-कृषि पोर्टल, सिंचाई प्रणालियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी किसानों को दी गई.
कार्यक्रम में आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विजेंद्र सिंह और कृषि वैज्ञानिकों ने जलवायु-अनुकूल फसलों, मृदा परीक्षण और जैविक खेती की महत्ता पर प्रकाश डाला. इसी अवसर पर कृषि विभाग के निदेशक डॉ. जितेन्द्र तोमर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा डिजिटल कृषि, ई-कृषि पोर्टल, और ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे खेती में लागत कम और लाभ अधिक हो रहा है. वहीं, उपस्थित पद्मश्री कृषक राम सरन वर्मा ने कहा- आज खेती परंपरा नहीं, बल्कि एक प्रोफेशन है. जो किसान इसे समझ गया, वही सच्चे अर्थों में आत्मनिर्भर बन सकता है. उन्होंने नवाचार, उद्यमिता और तकनीक आधारित खेती को अपनाने पर जोर दिया.
इस कार्यक्रम में कलेक्टर शशांक त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय, वरिष्ठ वैज्ञानिक और कई विभागीय अधिकारी उपस्थिति थे.
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