प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणासी में किसानों के साथ फसल बीमा योजना में ठगी का मामला सामने आया है. असल में वाराणासी के किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी सीजन की फसलों का बीमा कराया था. बेमौसम बारिश में जब किसानों की फसल खराब हुई तो किसानों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया तो बीमा कंपनी ने मुआवजा देने के बजाय बीमा का प्रीमियम ही किसानोंं के खातों में लौटा दिया. इस संबंध की शिकायत करने के बाद जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है. जिसके तहत प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
बीमा कंपनियों के किसानों के साथ इस धोखाधड़ी के मामले में जिले के सीडीओ हिमांशु नागपाल ने सूची को तलब किया है और पूरी मामले पर एलडीएम को बैंकों के डाटा समेत रिपोर्ट देने को कहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में रबी की फसल के लिए 15000 से ज्यादा किसानों ने आवेदन किया था, जिसमें 12399 किसानों ने फसल बीमा का प्रीमियम जमा किया. HDFC एरगो नाम की बीमा कंपनी को वाराणसी क्षेत्र आंवटित है, जिसके तहत किसानों को 1.5 फ़ीसदी प्रीमियम चुका कर रबी फसलों का बीमा कराया था. फसल खराब होने पर जब किसानों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया तो बीमा कंपनी ने जिला कृषि अधिकारी को किसानों की सूची सौंपी, उसमें 1856 किसानों के नाम नहीं थे. तो वहीं बीमा कंपनी ने चुपचाप प्रीमियम का पैसा किसानों के बैंक खातों में वापस भेज दिया. इस तरह कंपनी ने 10543 किसानों की फसल को ही बीमित बताया.
वाराणसी जनपद में बेमौसम बारिश के बाद जिला कृषि अधिकारी और राजस्व विभाग की टीम केंद्र ने किसान की फसल को नुकसान का सर्वे किया. इस सर्वे में 23885 किसानों किस फसल को नुकसान बताया गया, जिनमें 12339 किसान फसल बीमा का प्रीमियम जमा करने वाले भी शामिल है, लेकिन इनमें से 1856 किसानों को बीमा कंपनी अब मुआवजा देने से मना कर रही है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा कराने के लिए प्रीमियम जमा कर चुकी महिला किसान कुसुमलता ने बताया कि उनकी पूरी फसल तबाह हो गई है. वे बीमा योजना के तहत मुआवजे की आस लगाए बैठी थी, लेकिन बीमा अब कंपनी ने उनकी पॉलिसी को रद्द कर दिया है. ऐसे में किसान का भरोसा ही इन कंपनियों से उठ गया है.
वहीं फसल बीमा योजना का प्रीमियम भरने वाले दूसरे किसान श्याम बिहारी पटेल का कहना है कि उन्होंने गेहूं के लिए 425 रुपये प्रति एकड़ का प्रीमियम दिया था. आंधी और बारिश से उनकी 70 फ़ीसदी फसल बर्बाद हुई. वही कंपनी को 72 घंटे के भीतर सूचना भी उन्होंने दे दी थी, लेकिन अब मुआवजे की बारी आई तो उनका बीमा ही रद्द कर दिया गया.
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वाराणसी में बेमौसम बारिश से फसल को हुए नुकसान के बाद 72 घंटे के भीतर 2292 किसानों ने फसल सुरक्षा बीमा के तहत क्षतिपूर्ति का दावा किया है. इनमें से 1703 आवेदन ऑफलाइन और 589 आवेदन ऑनलाइन किसानों के प्राप्त हुए हैं. फसल बीमा कंपनी आवेदकों की फसल का सर्वे कराने की बात कह रही है. वहीं जनपद के बीडीओ और कृषि अधिकारी ने भी किसानों के पास अपनी टीम सर्वे के लिए भेजी है.
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वाराणसी मंडल में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत HDFC एरगो का चयन किया गया है. रबी की फसल के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 31 दिसंबर तक किसानों के द्वारा पंजीकरण कराया गया. वाराणसी में किसानों के द्वारा 1 एकड़ गेहूं के फसल के लिए 425 रुपये का प्रीमियम भी चुकाया, जबकि सरसों का प्रीमियम 286.6 रुपये किसानों के द्वारा चुकाया गया. मुख्य विकास अधिकारी वाराणसी हिमांशु नागपाल ने बताया की फसल बीमा कंपनी के द्वारा किसानों के साथ धोखा करने का प्रयास किया गया है. इस पूरे मामले की फाइल मंगाई गई है. वहीं कंपनी के खिलाफ आपदा राहत अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. दोष सिद्ध होने पर ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है.
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