लो-टनल पॉलीहाउस सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है. अब ठंड बढ़ रही है और सुबह-शाम कोहरा भी छाने लगा है. इस ठंड, धुंध और पाले का असर सब्जियों की फसल पर पड़ता है. कई बार इससे पौधे खराब हो जाते हैं और किसान को नुकसान होता है. किसानों की मदद के लिए हरियाणा बागवानी विभाग हर साल की तरह इस बार भी एक खास योजना लेकर आया है. इस योजना में हरियाणा सरकार किसानों को सब्जियों की फसल बचाने के लिए मल्चिंग और लो टनल विधि अपनाने पर पैसे (सब्सिडी) दे रही है.
अगर किसान मल्चिंग विधि अपनाते हैं, तो सरकार की तरफ से ढाई एकड़ पर 16,000 रुपये की सहायता दी जाती है. वहीं, लो टनल विधि अपनाने वाले किसानों को 14.50 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से अनुदान मिलता है. इस योजना में एक किसान 10,000 वर्ग मीटर तक का लाभ ले सकता है. इस मदद से किसानों की फसल अच्छी होती है और बाजार में सब्जियों के अच्छे दाम भी मिलते हैं.
इस योजना का फायदा लेने के लिए किसानों को ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. रजिस्ट्रेशन करते समय मांगे गए सभी जरूरी कागज और परिवार पहचान पत्र अपलोड करना जरूरी है. अंबाला जिले में पहले से ही हजारों किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं.
मल्चिंग एक खास तरह की पतली पॉलिथीन शीट होती है, जिसे खेत की मेड़ों या क्यारियों पर बिछाया जाता है. इसमें सही दूरी पर छोटे-छोटे छेद होते हैं, जहां पौधे लगाए जाते हैं. इससे खेत में खरपतवार (बेकार घास) नहीं उगती, मिट्टी में नमी बनी रहती है और पौधों को सही तापमान मिलता है. मल्चिंग से टमाटर, मिर्च, लौकी, करेला और खीरा जैसी सब्जियों को बहुत फायदा होता है. यह फसल को कीड़े-मकोड़ों, धुंध और पाले से भी बचाती है.
लो टनल विधि सब्जियों को बचाने का एक आसान और समझदार तरीका है. इसमें सब्जियों की कतारों के ऊपर पारदर्शी प्लास्टिक शीट लगाकर छोटी-छोटी सुरंग जैसी बनावट बनाई जाती है. इससे पौधों के लिए छोटा सा ग्रीनहाउस बन जाता है. इस विधि से पौधे ठंड, पाले, तेज हवा और बारिश से सुरक्षित रहते हैं. मिट्टी में नमी बनी रहती है और पौधे जल्दी बढ़ते हैं. इससे सब्जियां समय से पहले तैयार हो जाती हैं और किसान को ज्यादा फायदा मिलता है.
मल्चिंग और लो टनल दोनों ही तरीके फसल को सुरक्षित रखते हैं, पानी और खाद की बचत करते हैं और फसल की पैदावार बढ़ाते हैं. सरकार की इस योजना से किसानों को कम खर्च में अच्छी फसल मिलती है. इसलिए सर्दियों में सब्जी उगाने वाले किसानों के लिए यह योजना बहुत उपयोगी है.
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