Affordable Housing: यूपी की योगी सरकार गांव में नहीं रहने देगी किसी को बेघर, जल्द होगा लाभार्थी चयन

Affordable Housing: यूपी की योगी सरकार गांव में नहीं रहने देगी किसी को बेघर, जल्द होगा लाभार्थी चयन

हर परिवार को पक्का घर देने के वादे को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार पीएम आवास योजना चला रही है. इसके त‍हत Urban and Rural Area में बेघर या कच्चे घर में रहे परिवारों को पक्के मकान दिए जा रहे हैं. यूपी में Yogi Govt ने इस योजना के तहत गांवों में पक्के घर मिलने से वंचित रह गये परिवारों की एक बार फिर पहचान करने का ऐलान कर दिया है.

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Affordable Housing: यूपी की योगी सरकार गांव में नहीं रहने देगी किसी को बेघर, जल्द होगा लाभार्थी चयनयूपी में पीएम आवास योजना का लाभ लेने का गांवों में मिलेगा एक और माैका (सांकेतिक तस्वीर)

Low Income Group में शामिल गरीब परिवारों को खुद के पक्के घर में रहने का सपना पूरा कराने की प्रतिबद्धता जताते हुए यूपी में योगी सरकार ने पक्का मकान देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ग्रामीण विकास विभाग की ओर से पीएम आवास योजना (ग्रामीण) की सूची में पात्र लाभार्थियों का नाम जोड़ने की कार्रवाई जल्द शुरू होगी. यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गांव के हर निर्धन परिवार को अपने खुद के पक्के मकान में रहने का सपना पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना (ग्रामीण) की Beneficiary List में पात्र लाभार्थियों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी चल रही है. मौर्य ने बताया कि इस योजना के महत्व को देखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2024-25 से वर्ष 2028-29 तक आगामी 05 वर्षों के लिए योजना का विस्तार कर दिया है.

शुरुआती लक्ष्य पूरा हुआ

मौर्य ने कहा कि कम आय वर्ग के लोगों को सस्ते आवास देने के लिए पात्र परिवारों का सर्वेक्षण साल 2018 में किया गया था. इसके आधार पर तैयार सूची में से यूपी के अधिकांश Identified Families को आवास मिल गए हैं. उन्होंने कहा कि यूपी के गांवों में लगभग 60 हजार परिवार ऐसे बचे हैं, जिनके लिए भारत सरकार से अतिरिक्त लक्ष्य देने की मांग की गयी है.

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पारदर्शी सर्वेक्षण कराये जाने के क्रम में विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि सर्वेक्षण के समय कोई पात्र लाभार्थी सूची में सम्मिलित होने से शेष न रहे. सर्वेक्षण करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों का पूर्ण उत्तरदायित्व होगा कि निर्धारित मानकों के अनुरूप निष्पक्ष एवं गुणवत्तायुक्त सर्वेक्षण करते हुए सूची तैयार की जाए. इस दिशा में ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी की ओर से सभी जिलाधिकारियों को सर्वेक्षण के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार करने सहित अन्य जरूरी निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

ये हैं पात्र होने के मानक

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों का दायरा तय करने में Auto Inclusion एवं Exclusion की शर्तें पूर्ववत है. इसके तहत Auto Inclusion में जिस किसी भी परिवार के पास पक्का घर नहीं है, वह योजना का स्वत: पात्र माना जाता है. सरकार ने भावी सर्वेक्षण में पात्र लाभार्थी की पहचान करने के लिए कुछ मानक तय किए है. इन मानकों पर खरा नहीं उतरने पर Auto Exclusion के माध्यम से पात्र लाभार्थी की श्रेणी से बाहर कर दिया जाएगा.

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इस योजना के पात्र लाभार्थियों के मानक में ऐसे परिवार को ही शामिल किया जाएगा जिनके मौजूदा घर में एक या दो कमरों की कच्ची दीवार या कच्ची छत हो. दो से ज्यादा कमरों के घर में रहने वाले परिवारों को इस योजना का लाभार्थी नहीं माना जाएगा. 

इसके अलावा जिस परिवार में तिपहिया मोटर वाहन, चार पहिया वाला कृष‍ि उपकरण हो या 3.5 लाख रुपये या इससे अधिक ऋण सीमा वाला किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) हो, परिवार का कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो, परिवार का कोई सदस्य प्रतिमाह 15 हजार रुपये से अधिक कमा रहा हो, Income Tax के दायरे में आने वाला परिवार, सरकार के पास पंजीकृत गैर कृषि उद्यम वाले परिवार, Trade Tax देने वाला परिवार और ऐसे परिवार जिनके पास 2.5 एकड़ या इससे अधिक सिंचित भूमि या 05 एकड़ या उससे अधिक असिंचित भूमि हो, उन्हें स्वत: इस योजना की लाभार्थी सूची से बाहर मान लिया जाएगा.

इस योजना में स्वत: शामिल होने के मानकों में ऐसे बेघर परिवारों को शामिल किया गया है जो बेसहारा हैं एवं भीख मांग कर जीवन यापन करते हैं. इसके अलावा हाथ से मैला ढोने वाले, आदिम जनजातीय समूह और वैधानिक रूप से मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूरों को भी स्वत: इस योजना का लाभार्थी मान लिया जाएगा. विभाग के मुताबिक सर्वेक्षण तथा लाभार्थी के चयन की प्रक्रिया के सम्बन्ध में ग्राम पंचायत सचिव, खण्ड विकास अधिकारी एवं परियोजना निदेशक या जिला ग्राम्य विकास अभिकरण से सम्पर्क कर विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है.

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