अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता भी बनेगा यूपी का किसान, एग्रीवोल्टिक्स परियोजना अपनाने वाला पहला राज्य बना

अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता भी बनेगा यूपी का किसान, एग्रीवोल्टिक्स परियोजना अपनाने वाला पहला राज्य बना

एग्री-वोल्टि‍क्‍स प्रोजेक्‍ट इनिश‍िएटिव के तहत, एक ही जमीन पर खेती और सौर ऊर्जा दोनों का उत्पादन किया जाएगा, जिससे राज्य में भूमि के इस्‍तेमाल को अनुकूलित किया जा सकेगा, जहां सीम‍ित जमीन है. सरकार ने कहा कि यह अभिनव दृष्टिकोण किसानों को आय का एक अतिरिक्त जरिया देगा, ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाएगा और सतत विकास को बढ़ावा देगा. 

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अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता भी बनेगा यूपी का किसान, एग्रीवोल्टिक्स परियोजना अपनाने वाला पहला राज्य बनाकिसान बनेंगे ऊर्जादाता. (AI Generated Photo)

देश में खेती-कि‍सानी को मुनाफे का सौदा बनाने के साथ ही किसानों को ऊर्जा उत्‍पादक बनाने पर जोर दिया जा रहा है. इसमें केंद्र और राज्‍य सरकारें विभ‍िन्‍न स्‍तरों पर काम कर रही हैं. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह एग्री-वोल्टि‍क्‍स प्रोजेक्‍ट को अपनाने की दिशा में जरूरी कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. "उत्तर प्रदेश में एग्री-वोल्टि‍क्‍स परियोजनाओं का प्रदर्शन" शीर्षक वाले राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी.

एग्री-वोल्टि‍क्‍स प्रोजेक्‍ट इनिश‍िएटिव के तहत, एक ही जमीन पर खेती और सौर ऊर्जा दोनों का उत्पादन किया जाएगा, जिससे राज्य में भूमि के इस्‍तेमाल को अनुकूलित किया जा सकेगा, जहां सीम‍ित जमीन है. सरकार ने कहा कि यह अभिनव दृष्टिकोण किसानों को आय का एक अतिरिक्त जरिया देगा, ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाएगा और सतत विकास को बढ़ावा देगा. 

ADB से मदद लेने वाला पहला राज्‍य बना यूपी

इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश के किसान न केवल अन्नदाता होंगे, बल्कि ऊर्जा प्रदाता भी होंगे, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देंगे. इस मंजूरी के साथ, उत्तर प्रदेश एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) से इस तरह की वित्तीय मदद हासिल करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है.

राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए ADB से 4.15 करोड़ रुपये की तकनीकी सहायता मांगी थी, जिसे 28 फरवरी, 2025 को आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) की स्क्रीनिंग कमेटी की 153वीं बैठक में मंजूरी दे दी गई. इस स्वीकृति के बाद, DEA ने अनुदान प्रस्ताव के रूप में परियोजना को ADB को भेज दिया है. 

प्रोजेक्‍ट सफल होने पर व्‍यापक पॉलिसी बनाएगी सरकार

बयान में कहा गया कि अगर पायलट प्रोजेक्‍ट सफल साबित होता है तो उत्तर प्रदेश सरकार, भारत सरकार की मदद से इसे आगे बढ़ाने के लिए एक व्यापक नीति विकसित करेगी. सरकार ने कहा कि यूपी नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी इस पहल को नवीकरणीय ऊर्जा संवर्धन, कृषि नवाचार और सतत विकास में मील का पत्थर बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है. 

ADB से प्रोजेक्‍ट को चलाने के लिए जरूरी कदम उठाने का अनुरोध किया गया है. यह पहल भारत की स्वच्छ ऊर्जा और सतत कृषि नीतियों के अनुरूप है और अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकती है. इस परियोजना से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की स्थिति में सुधार होने के साथ-साथ किसानों को सशक्त बनाने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. (पीटीआई)

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