प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त 8.5 करोड़ किसानों को मिल चुकी है. अब नवंबर तक कभी भी 15वीं किस्त का पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है. अगर आपको अब तक इस योजना का पैसा नहीं मिला तो आप एक बार कोशिश जरूर करिए. कई किसानों की शिकायत होती है रजिस्ट्रेशन करने के बावजूद उन्हें 6000 रुपये नहीं मिल रहे हैं. ऐसे किसानों के लिए कई उपाय उपलब्ध हैं. राज्य सरकारों ने इस योजना के लिए ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं. जिनके सामने आप अपनी शिकायत रख सकते हैं. आम तौर पर जिला कृषि अधिकारी या जिला कलेक्टर शिकायतों को सुनने के लिए उपलब्ध होते हैं. तो अगर आपको आवेदन के बावजूद पैसा नहीं मिल रहा है नोडल अधिकारी को शिकायत करें.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पीएम-किसान पोर्टल का उपयोग भी किसानों द्वारा अपनी शिकायतों के तुरंत समाधान के लिए किया जा सकता है. पोर्टल के फार्मर्स कॉर्नर में शिकायत के लिए हेल्प डेस्क का बटन दिया गया है. इसमें आप अपने रजिस्ट्रेशन नंबर या मोबाइल नंबर के जरिए अपनी शिकायत सीधे संबंधित नोडल अधिकारी को पहुंचा सकते हैं. किसान लोक शिकायत पोर्टल के माध्यम से भी अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं. अपनी शिकायत सीधे कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को भेज सकते हैं. इसके अलावा हेल्पलाइन 155261 के माध्यम से भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
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मोदी सरकार की सबसे बड़ी किसान योजना 'पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम' के जरिए अब तक 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रकम सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई है. लेकिन, अब पिछले तीन किस्तों से सिर्फ 8.5 लाख करोड़ किसानों को ही लाभ मिल रहा है. इसलिए काफी लोग हैरान हैं कि ऐसा क्या हुआ कि 11 करोड़ तक पहुंची लाभार्थियों की संख्या इतनी तेजी से घट गई?
इसके पीछे केंद्र ने वजह यह बताई है कि काफी किसान आयकर दाता थे, कुछ किसानों की लैंड सीडिंग या लैंड रिकॉर्ड वेरिफिकेशन नहीं हुआ है और कुछ ने ई-केवाईसी नहीं करवाई है. इसलिए ऐसे लोगों की छंटाई कर दी गई है. अपात्र किसानों को योजना से बाहर किया जा रहा है और पात्रों को जोड़ने की कोशिश हो रही है. इस योजना का 54 लाख से अधिक अपात्रों ने फायदा उठाया है. इन लोगों के बैंक अकाउंट में 4300 करोड़ रुपये से अधिक रकम ट्रांसफर हुई है. केंद्र सरकार ने अब एक बार फिर योजना के बारे में आम लोगों को जानकारी देने की कोशिश की है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कहा है कि पीएम-किसान के तहत पैसा ट्रांसफर करना एक रेगुलर प्रक्रिया है. इस योजना के तहत आवेदक को 6000 रुपये का लाभ तब दिया जाता है जब राज्य सरकार विभिन्न स्तर पर उसके रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन करके उसका डाटा पीएम-किसान पोर्टल पर अपलोड कर दे. पैसा देना केंद्र सरकार का काम है लेकिन कौन आवेदक किसान है और कौन नहीं इसकी जानकारी देना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. क्योंकि लैंड रिकॉर्ड राज्य के पास है.
पीएम किसान योजना का लाभ पाने के लिए सबसे पहले जरूरत है कृषि योग्य जमीन की. यानी आवेदक के नाम खेती वाली जमीन होनी चाहिए. इसीलिए इस योजना का फायदा भूमिहीन और बटाईदार किसानों को नहीं मिल पा रहा है. जबकि फसल बीमा और किसान क्रेडिट कार्ड का फायदा बटाईदारों को भी दिया जा रहा है. इस योजना का लाभ तभी मिलेगा जब आप आयकरदाता न हों. जब आपको महीने में 10 हजार रुपये से अधिक पेंशन न मिल रही हो. यही नहीं आवेदक को किसी संवैधानिक पद पर नहीं होना चाहिए.
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