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कन्या वन समृद्धि योजना क्या है जो बेटियों की जन्मदर बढ़ाने में करेगी मदद, कैसे उठा सकते हैं इसका लाभ?

कन्या वन समृद्धि योजना क्या है जो बेटियों की जन्मदर बढ़ाने में करेगी मदद, कैसे उठा सकते हैं इसका लाभ?

इस योजना के तहत, राज्य सरकार उन किसान परिवारों को पेड़ लगाने में मदद कर रही है जिनमें लड़की का जन्म हुआ हो. इसमें सागौन के 5 पौधे, आम के 2 पौधे, फना, बैंगनी और इमली के एक-एक पौधे शामिल किए जाते हैं.

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कन्या वन समृद्धि योजना कन्या वन समृद्धि योजना

महाराष्ट्र में एक ऐसी योजना चलाई जा रही है जो एक साथ दो समस्याओ का समाधान कर रही है. महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए कन्या वन समृद्धि योजना क्रियान्वित की जा रही है. इस योजना के तहत, राज्य सरकार उन किसान परिवारों को पेड़ लगाने में मदद कर रही है जिनमें लड़की का जन्म हुआ हो. इसमें सागौन के 5 पौधे, आम के 2 पौधे, फना, बैंगनी और इमली के एक-एक पौधे शामिल किए जाते हैं. इस योजना का लाभ अधिक से अधिक परिवारों तक पहुंचाने के आदेश दिए गए हैं. 

इस योजना के तहत किसी भी किसान के घर में लड़की पैदा होने पर उस लड़की के नाम से पौधा लगाने के लिए सरकार मदद देती है. योजना के तहत परिवार को 10 पौधे मुफ्त में दिए जाते है. इसमें 5 पौधे सागौन और 2 आम के पौधों के अलावा कटहल, जामुन, इमली का एक-एक पौधा दिया जाता है. इस योजना का लाभ 2 लड़कियों के पैदा होने तक मिलता है.

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योजना का उद्देश्य

वन क्षेत्र के अलावा अधिक से अधिक गैर वन क्षेत्र को वन के अंतर्गत लाना इसका मकसद है. जिसमें बेटी पैदा होने पर किसान दंपत्ति को 10 पौधे निशुल्क देकर प्रोत्साहित किया जाएगा. वर्तमान एवं भावी पीढ़ी में पर्यावरण, वृक्षारोपण एवं देखभाल एवं संरक्षण, जैव विविधता आदि के प्रति रूचि उत्पन्न करना. ऐसी योजना के माध्यम से लड़का-लड़की एक समान हैं और महिला सशक्तिकरण का सामाजिक संदेश दिया जा रहा है. साथ ही ऐसी योजनाओं के माध्यम से लड़कियों की घटती संख्या पर कुछ नियंत्रण हासिल किया जा सके. लड़कियों की जन्मदर बढ़े.

आवेदन की प्रक्रिया क्या है

इस योजना के लाभ के लिए किसान परिवार में जन्म लेने वाली कन्या के माता-पिता को कन्या के जन्म के बाद संबंधित ग्राम पंचायत में कन्या का नाम रजिस्टर्ड कराकर निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा. जिस किसान दम्पति को कन्या होगी, उन्हें निर्धारित प्रपत्र में कन्या शिशु के जन्म के बाद पहली वर्षा ऋतु में 1 से 7 जुलाई तक 10 वृक्ष लगाने की सहमति देनी होगी.

आवेदन में बालिका का पूरा नाम, अभिभावक का पूरा नाम, पूरा संपर्क पता और आधार कार्ड नंबर आदि अंकित होना चाहिए. लड़की के जन्म के बाद पहली बरसात से पहले 10 गड्ढे खोदकर पौधे लगाने के लिए तैयार कर लेना चाहिए. ग्राम पंचायत के माध्यम से निकटतम सामाजिक वानिकी विभाग की नर्सरी से 10 पौधे निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे.

पौधे लगाने का सबूत देना होगा

कुल 10 पौधों की रोपाई पूरी होने के बाद रोपे गए स्थान का विवरण एवं पौधों की फोटो मोबाईल फोन अथवा कैमरे के माध्यम से संबंधित किसान के माध्यम से ग्राम पंचायत को प्रस्तुत की जाएगी. यह जानकारी ग्राम पंचायत के माध्यम से एकत्रित की जाएगी और तालुका स्तर के वानिकी अधिकारी और सामाजिक वानिकी को हर साल 31 जुलाई तक भेजी जाएगी. पौधों का वितरण एक ही दिन 1 जुलाई को होगा.