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हरियाणा में 31 फीसदी किसानों को नहीं मिलेगा MSP का लाभ, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

हरियाणा में 31 फीसदी किसानों को नहीं मिलेगा MSP का लाभ, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

कृषि विभाग द्वारा सामने आए आंकड़ों के अनुसार, इस साल 10,52,338 किसानों ने कुल 89,85,431 एकड़ क्षेत्र में से 61,45,937 एकड़ रबी फसल क्षेत्र का पंजीकरण कराया है. अधिकारियों के मुताबिक सरकार ने एक किसान के लिए एक दिन में 25 क्विंटल सरसों की खरीद की सीमा तय की है.

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हरियाणा में कुछ किसान रह जाएंगे MSP से वंचित. (सांकेतिक फोटो) हरियाणा में कुछ किसान रह जाएंगे MSP से वंचित. (सांकेतिक फोटो)

हरियाणा में कुल रबी फसल क्षेत्र का लगभग 68.4 प्रतिशत राज्य सरकार के मेरी फसल मेरा ब्योरा (एमएफएमबी) पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है. इससे पंजीकृत क्षेत्र के किसान अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेच पाएंगे. हालांकि, अपंजीकृत क्षेत्र के 31.6 प्रतिशत किसानों को  एमएसपी का लाभ नहीं मिलेगा. राज्य सरकार ने किसानों के लिए एमएफएमबी पोर्टल पर अपनी फसलों का पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है. हालांकि पंजीकरण के काम को अब बंद कर दिया गया है, क्योंकि सरकार ने 26 मार्च से सरसों और 1 अप्रैल से गेहूं की उपज का खरीद सीजन शुरू करने जा रही है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि विभाग द्वारा सामने आए आंकड़ों के अनुसार, इस साल 10,52,338 किसानों ने कुल 89,85,431 एकड़ क्षेत्र में से 61,45,937 एकड़ रबी फसल क्षेत्र का पंजीकरण कराया है. अधिकारियों के मुताबिक सरकार ने एक किसान के लिए एक दिन में 25 क्विंटल सरसों की खरीद की सीमा तय की है. यदि किसान की उपज 25 क्विंटल से अधिक है तो उसे अगले दिन फसल खरीद के लिए लानी होगी.

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2,275 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद

प्रक्रिया के मुताबिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नंबर दिखाने पर ही किसानों को एमएसपी के लिए वैध माना जाएगा. फिर, कर्मचारी इसे रिकॉर्ड में जांचेगा. इसके बाद, किसान को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मिलेगा. ओटीपी दिखाने के बाद किसान को गेट पास जारी कर दिया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, आज से राज्य भर के 104 खरीद केंद्रों पर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सरसों की खरीद की जाएगी. सरकार ने 1 अप्रैल से 2,275 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद के लिए राज्य भर में 414 खरीद केंद्र स्थापित किए हैं. 

50800 मीट्रिक टन होगा सूरजमुखी का उत्पादन

बता दें कि पिछले साल हरियाणा ने लगभग 63 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं खरीदा था. इस वर्ष सरसों का अनुमानित उत्पादन 14 लाख मीट्रिक टन से अधिक है. इसी तरह सूरजमुखी का 50,800 मीट्रिक टन, चने का 26,320 मीट्रिक टन, जबकि ग्रीष्मकालीन मूंग का 33,600 मीट्रिक टन उत्पादन होने की संभावना है. चूंकि हरियाणा में फसल खरीद काफी हद तक परेशानी मुक्त रहती है. इसलिए व्यापारी राज्य में बेचने के लिए दूसरे राज्यों से भी अनाज लाते हैं, जिससे व्यवस्था में गड़बड़ी होती है. 

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