देश में किसानों की बेहतर आय के लिए किसानों को सरकारों की ओर से हमेशा प्रोत्साहित किया जाता है. इसके लिए सरकार कि ओर से आए दिन नई-नई योजनाएं चलाई जाती हैं. इसी प्रकार बिहार सरकार किसानों के लिए उधानिक क्लस्टर विकास योजना के अंतर्गत बागवानी कार्यक्रम चला रही है. इस योजना के तहत किसानों को अमरूद, आंवला, नींबू, बेल, पपीता, गेंदा का फूल, ड्रैगन फ्रूट, लेमन ग्रास और स्ट्रॉबेरी के पौधे और पेड़ लगाने के लिए सरकार सब्सिडी दे रही है. इस योजना के तहत गांव में न्यूनतम 25 एकड़ में उधानिक फसल का पेड़ लगाने पर सब्सिडी दिया जाएगा. ऐसे में इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसानों को आवेदन करना होगा. पूरी खबर जानने के लिए नीचे दी गई डिटेल को पढ़ें.
बिहार कृषि विभाग की ओर से किए गए ट्वीट के मुताबिक, उधानिक क्लस्टर विकास योजना के अंतर्गत बागवानी कार्यक्रम में राज्य के किसानों को बागवानी करने के लिए सरकार एक लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से सब्सिडी दे रही है. ये सब्सिडी किसानों को दो किस्तों में दिया जाएगा. पहले किस्त में 65 हजार रुपये और दूसरे किस्त में 35 हजार रुपये दिया जाएगा. इसके तहत किसानों को फलदार पौधे जैसे अमरूद, आंवला, नींबू, बेल, पपीता, गेंदा का फूल, ड्रैगन फ्रूट, लेमन ग्रास और स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाने होंगे.
"गांव की बागवानी, हमारे गौरव की कहानी" - उद्यानिक कलस्टर विकास योजना।@VijayKrSinhaBih@SAgarwal_IAS@dralokghosh@abhitwittt@Agribih@AgriGoI#Farming #agriculture #Horticulture #Bihar pic.twitter.com/KwRNYcsGgS
— Directorate Of Horticulture, Deptt of Agri, Bihar (@HorticultureBih) March 18, 2024
अगर आप बिहार के किसान फलों की बागवानी या खेती करना चाहते हैं कि उधानिक क्लस्टर विकास योजना के अंतर्गत अन्य सहायक योजनाएं भी है, इसमें स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए एक लाख रुपये प्रति एकड़ की अतिरिक्त सहायता, प्रशिक्षण, सूक्ष्म सिंचाई, उत्पाद परिवहन के लिए वाहन, अच्छी किस्म की पौध सामग्री, विपणन सहायता, बाजार की सुविधा, पैकेजिंग की सुविधा, पौधा संरक्षण और संग्रहण की सुविधा दी जा रही है.
यदि आप बिहार के निवासी हैं और आप फल वाले पौधों की खेती करना चाहते हैं, तो आप इस योजना के लिए सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं. इसके लिए बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की ऑफिशियल वेबसाइट लिंक पर विजिट कर सकते हैं. इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किसान अपने जिले के उद्यान विभाग के सहायक निदेशक से भी संपर्क कर सकते हैं.
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