चीनी निर्यात का कोटा बढ़ाने पर अगले महीने फैसला संभव, सरकार में बात-विचार जारी

चीनी निर्यात का कोटा बढ़ाने पर अगले महीने फैसला संभव, सरकार में बात-विचार जारी

भारत ने पिछले सीजन में अक्टूबर-सितंबर की अवधि में रिकॉर्ड 110 लाख टन चीनी का निर्यात (sugar export) किया था. उसी निर्यात को ध्यान में रखते हुए इस साल भी खेप बढ़ाई जाए या नहीं, इस पर सरकार को फैसला लेना है. इस बारे में अगले महीने निर्णय लिया जा सकता है.

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चीनी निर्यात का कोटा बढ़ाने पर अगले महीने फैसला संभव, सरकार में बात-विचार जारीचीनी निर्यात (sugar export) का कोटा बढ़ाने पर फैसला लेगी सरकार

चीनी निर्यात (sugar export) को लेकर सरकार अगले महीने बड़ा फैसला कर सकती है. सरकार यह निर्णय लेगी कि अतिरिक्त चीनी के निर्यात की अनुमति दी जाए या नहीं. सरकार यह इजाजत देने से पहले देश में चीनी के उत्पादन (sugar production) का हिसाब लगाएगी क्योंकि अभी गेहूं पेराई का सीजन चल रहा है. देश के खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी. मौजूदा 2022-23 सीजन के लिए खाद्य मंत्रालय ने मिलों के हिसाब से निर्यात का कोटा निर्धारित किया है. यह कोटा 60 लाख टन का है जिसे 31 मई तक निर्यात किया जाना है. 

भारत ने पिछले सीजन में अक्टूबर-सितंबर की अवधि में रिकॉर्ड 110 लाख टन चीनी का निर्यात (sugar export) किया था. उसी निर्यात को ध्यान में रखते हुए इस साल भी खेप बढ़ाई जाए या नहीं, इस पर सरकार को फैसला लेना है. इस बारे में अगले महीने निर्णय लिया जा सकता है. चीनी मिलों ने निर्यात के लिए 30 लाख टन खेप निकाल दी है. इसमें से 10 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है जबकि पांच लाख टन चीनी पाइपलाइन में है.

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खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि निर्यात का पूरा कोटा मई तक निकाल दिया जाएगा. खाद्य सचिव के हवाले से 'बिजनेसलाइन' ने लिखा है, एक्सपोर्ट कोटा (sugar export) पर विचार किया जा सकता है. देश में चीनी का उत्पादन और खपत का हिसाब लगाते हुए अगले महीने एक्सपोर्ट कोटा बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है. अगले महीने जब राज्यों के गन्ना कमिश्नर मीटिंग में बैठेंगे तो इस पर बात की जाएगी. सचिव ने इस बात की ओर इशारा किया कि चीनी मील संगठनों ने मौजूदा सीजन के लिए अलग-अलग अनुमान (sugar production) दिए हैं. चीनी का कितना उत्पादन होगा, उसके बारे में स्पष्ट हिसाब इस महीने के अंत में ही मिल पाएगा.

खाद्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि इस साल चीनी का उत्पादन (sugar production) 340-345 लाख टन से कम नहीं होना चाहिए. इसका अर्थ हुआ कि इस साल निर्यात के लिए हमारे पास अतिरिक्त कोटा होगा. इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन यानी कि ISMA के अनुसार, चीनी मिलों ने अभी तक 55 लाख टन चीनी के निर्यात का करार किया है. दूसरी ओर 15 जनवरी तक चीनी का उत्पादन 156.8 लाख टन पर पहुंच गया है जबकि एक साल पहले ठीक इसी अवधि में 150.8 लाख टन उत्पादन हुआ था.

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खाद्य सचिव ने इस बात की ओर भी इशारा किया कि चीनी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (sugar msp) बढ़ाने की भी जरूरत नहीं है जो अभी 31 रुपये प्रति किलो है. चीनी मिलें अभी चीनी के अलावा स्वीटनर और इथेनॉल जैसे प्रोडक्ट से अच्छी कमाई कर रही हैं. खाद्य सचिव ने इस बात पर भी भरोसा जताया कि 20 परसेंट इथेनॉल ब्लेंडिंग (ethanol blending) का टारगेट हासिल कर लिया जाएगा. इसके लिए गन्ना और अनाजों से इथेनॉल उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है.

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