पंजाब में इस दिन से किसानों को मुफ्त में मिलेगी बिजली, 8 घंटे होगी पावर की सप्लाई

पंजाब में इस दिन से किसानों को मुफ्त में मिलेगी बिजली, 8 घंटे होगी पावर की सप्लाई

बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि उन्होंने आगामी धान सीजन के मद्देनजर पीएसपीसीएल अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की है और सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम बिजली की मांग को पूरा करने में सक्षम होंगे.

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पंजाब में इस दिन से किसानों को मुफ्त में मिलेगी बिजली, 8 घंटे होगी पावर की सप्लाईपंजाब के किसानों के लिए खुशखबरी है. (सांकेतिक फोटो)

पंजाब के किसानों के लिए खुशखबरी है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार सोमवार से धान के खेतों के लिए मुफ्त बिजली देने की शुरुआत करेगी. ऐसे में कहा जा रहा है कि 10 जून से धान की बुआई शुरू होने के साथ ही बिजली की मांग नए स्तर पर पहुंचने की संभावना है. खास बात यह है कि इस बार भी पिछले सीजन की तरह ही किसानों को रोज आठ घंटे बिजली दी जाएगी. वहीं, बिजली विभाग ने भी किसानों को 8 घंटे बिजली देने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) का कहना है कि उसने धान के सीजन के लिए बिजली की मांग को पूरा करने के लिए कमर कस ली है. लेकिन उसे पहले से ही उच्च मांग का सामना करना पड़ रहा है, जो मई में 14,500 मेगावाट तक पहुंच गई थी. पीएसपीसीएल का कहना है कि 14.5 लाख से अधिक ट्यूबवेल द्वारा धान के खेतों में भूमिगत जल निकालने के बाद 16,500 मेगावाट को पार करने की संभावना है. तकनीकी खराबी के कारण राज्य के कई हिस्से पहले से ही बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं.

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इस दिन से शुरू होगी धान की रोपाई

हालांकि, राज्य सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह किसानों को आठ घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य के कई हिस्सों में 10, 16, 19 और 21 जून को धान की बुआई शुरू होगी. बुआई कार्यक्रम को लागू करने के लिए राज्य को चार क्षेत्रों में विभाजित किया गया है. पीएसपीसीएल सूत्रों का कहना है कि बिजली की मांग पिछले साल के 15,300 मेगावाट के मुकाबले इस साल 16,500 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है. उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए अगर मांग 16,500 मेगावाट से अधिक हो जाती है तो हमें आश्चर्य नहीं होगा. पीएसपीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 540 मेगावाट गोइंदवाल साहिब थर्मल प्लांट के अधिग्रहण के बाद, "राज्य में बिजली उत्पादन बढ़ाकर" मांग को पूरा करने की व्यवस्था की गई है.

इतनी होगी बिजली की जरूरत

उन्होंने कहा कि ट्रांसमिशन क्षमता को 9,000 मेगावाट से बढ़ाकर 10,000 मेगावाट करने के अलावा अतिरिक्त बिजली बैंकिंग व्यवस्था (3,000 मेगावाट) और सौर ऊर्जा से पीएसपीसीएल को पीक मांग को पूरा करने में मदद मिलने की संभावना है. आप सरकार को पीक मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला स्टॉक और थर्मल प्लांट से अधिक (पूर्ण) उत्पादन सुनिश्चित करना होगा. विशेषज्ञों के अनुसार, एक ट्यूबवेल औसतन आठ घंटे बिजली आपूर्ति के साथ प्रति सप्ताह 30.24 लाख लीटर पानी निकालता है. धान की खेती के बढ़ते रकबे के कारण राज्य के 108 ब्लॉक "डार्क जोन" में हैं.

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