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53 हजार फर्जी किसानों ने उठा ली 43 करोड़ की राशि, PM KISAN में हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा

53 हजार फर्जी किसानों ने उठा ली 43 करोड़ की राशि, PM KISAN में हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में 2 साल पहले प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि के नाम पर करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आया. जिसमें लगभग 17 हजार अपात्र किसानों ने फर्जी तरीके से ऑनलाइन के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करके लगभग 25 करोड का फर्जीवाड़ा किया था.

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53 हजार फर्जी किसानों ने डकार ली 43 करोड़ की राशि, फोटो साभार: freepik 53 हजार फर्जी किसानों ने डकार ली 43 करोड़ की राशि, फोटो साभार: freepik

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में दो साल पहले प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) के नाम पर करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया है. इसमें लगभग 17 हजार अपात्र किसानों ने फर्जी तरीके से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करके लगभग 25 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया है. यह फर्जीवाड़ा बढ़कर 43 करोड़ तक पहुंच गया है. इसमें 53 हजार किसान ने फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कराकर यह राशि प्राप्त की. फर्जीवाड़े के दो साल बाद कृषि विभाग को इसकी जानकारी मिली है. इस घटना के सामने आने के बाद विभाग सक्रिय हो गया है और नोटिस के जरिए अपात्र किसानों की एक सूची बनाकर 43 करोड़ रुपये की राशि वसूल करने के तैयारी है.

देश के कई इलाकों में इस तरह के फर्जीवाड़े की घटनाएं सामने आ रही हैं. सरकार ने साफ किया है कि पीएम किसान का लाभ लेने के लिए बताई गई शर्तों का पालन करना होगा. इसमें सबसे अहम शर्त जमीन का लैंड रिकॉर्ड दर्ज होना है. लेकिन बहुत लोग इन नियमों का पालन नहीं करते हैं और पीएम किसान का फायदा उठा रहे हैं. अब कृषि विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.  

क्या है पीएम किसान सम्मान निधि योजना

पीएम किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. इस स्कीम में सीधे किसानों के खातों में हर साल छह हजार रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं. इस योजना का उद्देश्य किसानों को अतिरिक्त लाभ देने का है और उनकी खेती की लागत को कुछ कम करना है.

ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा

पीएम किसान योजना के इस मामले में अपात्र किसानों ने ऑनलाइन तरीके से अपना रजिस्ट्रेशन कराया और सम्मान निधि का पैसा उठा लिया. इस तरह मोटी रकम अपात्र किसानों के खाते में जमा हो गई. जब जिला प्रशासन को इसकी जानकारी मिली तब तक जिले में कई ऐसे किसान मिले जिनके जमीन का रकबा और गलत मोबाइल नंबर का रजिस्ट्रेशन पाया गया. इन किसानों ने गलत तरीके से अपने खातों में किसान सम्मान निधि का पैसा जमा कराया है. कृषि विभाग ने रकबा वेरिफिकेशन और आधार लिंक कर पात्र किसानों की सूची पटवारी के माध्यम से ली, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ.

53 हजार फर्जी किसानों ने किया फर्जीवाड़ा

फर्जीवाड़े का आंकड़ा लगभग 53 हजार किसानों का है जिसमें लगभग 43 करोड़ की राशि की हेरफेर की गई है. जांच के बाद यह पता चला कि सबसे अधिक फर्जी किसान 23 हजार 379 पुसौर ब्लाक के हैं. इस पर कार्रवाई की गई है और विभाग किसानों से बीते दो साल में मात्र 53 लाख रुपये ही वसूल कर पाया है.

क्या कहते हैं कृषि विभाग के अधिकारी

फर्जीवाड़े के इस मामले में जिले के कृषि विभाग के संचालक अनिल वर्मा का कहना है कि यह पूरा घोटाला ऑनलाइन पंजीयन के जरिये हुआ है और अपात्र किसान पात्र बनकर प्रधानमंत्री द्वारा दी गई राशि सीधे अपने खातों में जमा करवा चुके हैं. जानकारी मिलने के बाद अब इन किसानों की सूची बनाकर सभी को नोटिस जारी किया गया है. साथ ही साथ वसूली की कार्रवाई भी तेज कर दी गई है.

53 हजार फर्जी किसानों ने किया फर्जीवाड़ा

सहायक संचालक अनिल वर्मा ने बताया कि अब तक 53 लाख रुपये की राशि वसूली की जा चुकी है और बची हुई राशि के लिए किसानों को जल्द जमा करने के लिए कहा गया है. पैसे जमा नहीं करने पर उनके खिलाफ एफआईआर भी कराने की तैयारी है. इस योजना में फर्जी तरीके से लाभ लेने वाले किसानों से रिकवरी जिला प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है. कलेक्टर के आदेश पर राजस्व विभाग के अधिकारी और पटवारियों को जिम्मा सौंपा गया है जो घर-घर जाकर इन फर्जी किसानों से राशि की वसूली कर रहे हैं.

क्या है अधिकारियों का कहना

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि फर्जी तरीके से लेने के मामले में अधिकारी का अपना तर्क है. उनका कहना है कि पूर्व के अधिकारियों के कार्यकाल में यह घोटाला हुआ है और अब इसमें एक समिति बनाकर सभी 53 हजार किसानों को नोटिस काटकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की ली गई राशि तत्काल वापस करने को कहा गया है. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जो भी किसान अपात्र है. पता चलने पर उनके खिलाफ राजस्व विभाग के द्वारा वसूली की कार्रवाई की जा रही है.

अधिकारी ने यह भी बताया कि जब इस योजना की शुरुआत हुई थी तब सीएससी सेंटर से रजिस्टेªशन हो जा रहा था या फिर किसान खुद से कर ले रहा था. इस वजह से कई फर्जी किसानों की एंट्री हो गई. जब से यह मामला कृषि विभाग और राजस्व विभाग को मिला है. तब इसका भौतिक सत्यापन कराये जाने के बाद पूरे मामले का खुलासा हो सका और कई अपात्र किसान पाए गए हैं.

9 जिलों के ब्लॉकों में हुआ फर्जीवाड़ा

बहरहाल फर्जी तरीके से पंजीयन कराने के मामले में अविभाजित रायगढ़ जिले के सभी 9 ब्लाकों में एक बडा रैकेट किसानों से बड़ी राशि लेकर उन्हें सम्मान निधि का लाभ दिलाने के लिये सक्रिय था. इसका सूत्र प्रशासनिक टीम अभी तक नहीं ढूंढ पाई है.