उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए एग्री स्टैक योजना के तहत डिजिटल बेस किसान रजिस्ट्री तैयार की जा रही है. इस रजिस्ट्री का उद्देश्य किसानों को फसली ऋण, पीएम किसान योजना, फसल बीमा और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से उपलब्ध कराना है. इस क्रम यूपी के कृषि निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार तोमर ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में किसान रजिस्ट्री का कार्यक्रम बहुत तेजी से चलाया जा रहा है. जिसमें किसानों के अभिलेखों जैसे खसरा, खतौनी को उनके आधार से लिंक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बार-बार KYC नहीं कराना पड़ेगा. डॉ तोमर ने आगे बताया कि फॉर्मर रजिस्ट्री तैयार होने के बाद किसानों को पीएम किसान योजना, फसली लोन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड एवं कृषि विकास के साथ ही अन्य लोन भी किसान को बड़ी आसानी से मिलेगा.
यूपी के कृषि निदेशक ने आगे बताया कि अगर आप पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं या नए जुड़े हैं तो आपके लिए अब फॉर्मर रजिस्ट्री करवाना भी अनिवार्य है. इस काम को अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, 31 दिसंबर 2024 तक पूरा करवा लेना है. ऐसे में अगर योजना से जुड़े जो किसान इस काम को नहीं करवाएंगे, वे किस्त के लाभ से वंचित रह सकते हैं. वहीं भविष्य में सभी सरकारी स्कीम का लाभ एक क्लिक में ले सकते हैं. इसके अलावा, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद, आपदा क्षतिपूर्ति और फसल बीमा जैसी योजनाओं में भी लाभ लेने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों से अपील की गई है कि वे अपने नजदीकी कैंप में जाकर समय से अपनी रजिस्ट्री कराएं, ताकि उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके.
फॉर्मर रजिस्ट्री करवाने के लिए विभाग की तरफ से वेब पोर्टल शुरु किया गया है. जैसे, अगर आप उत्तर प्रदेश के किसान हैं तो आप इस पोर्टल https://upfr.agristack.gov.in पर जाकर इस काम को करवा सकते हैं
पोर्टल के अलावा आप अपने नजदीकी जन सुविधा केंद्र पर जाकर या फिर सरकार द्वारा पंचायत भवन या गांव में अन्य जगहों पर लगाए गए कैंप से आप ये काम करवा सकते हैं.
अगर आप भी पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं और फॉर्मर रजिस्ट्री करवा रहे हैं, तो जान लें कि आपको इसके लिए कुछ दस्तावेज चाहिए. इसमें सबसे पहले तो लाभार्थी को अपना आधार कार्ड चाहिए, इसके साथ योजना से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का होना जरूरी है, साथ ही आपको खतौनी भी चाहिए.
यहां ये भी जान लें कि फॉर्मर रजिस्ट्री में किसान और उनके पिता का नाम, उसके स्वामित्व वाले सभी गाटा संख्याएं दर्ज की जाएंगी. अगर खातेदार साझा होता है तो ऐसे में किसान का अंश, मोबाइल नंबर, आधार नंबर और ई-केवाईसी की जानकारी होगी. ऐसे में अगर आपने अब तक ये काम नहीं करवाया है तो तुरंत करवा लें ताकि, आपको किस्त का लाभ मिल सके.
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