केंद्र सरकार की सबसे बड़ी किसान योजना 'पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम' की 13वीं किस्त का पैसा अब नए साल यानी जनवरी 2023 में ही मिलने की संभावना है. योजना के नियमों के अनुसार इसका पैसा 31 मार्च से पहले कभी भी दिया जा सकता है. पिछली किस्त भी किसानों को काफी देरी से 17 अक्टूबर 2022 को मिली थी. वो भी 11 की बजाय सिर्फ 8 करोड़ किसानों को. केंद्रीय कृषि मंत्रालय में इस योजना से जुड़े एक अधिकारी ने 'किसान तक' को बताया कि ऐसा रिकॉर्ड वेरिफिकेशन न होने की वजह से हुआ था. तब से अब तक करीब 50 लाख और किसानों का डाटा वेरिफाई हो चुका है. उन्हें पैसा भी चला गया है.
पीएम किसान योजना के अधिकारी ने कहा कि जिन किसानों का लैंड रिकॉर्ड, आधार वेरिफिकेशन और ई-केवाईसी हो जाएगा उन्हें हर हाल में पैसा भेजा जाएगा. पात्रों को चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन अपात्र लोगों को सरकार किसी भी सूरत में पैसा नहीं देगी. जिन अपात्रों ने लाभ उठाया है उनसे रिकवरी की जाएगी. दिसंबर 2018 में शुरू की गई इस योजना के तहत किसानों को 2-2 हजार रुपये की तीन किस्तों में सालाना 6000 रुपये दिए जाते हैं.
दिसंबर 2018 से अब तक पीएम किसान योजना के तहत खेतिहरों के बैंक खातों में करीब सवा दो लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर हो चुके हैं. सरकार ने योजना की 11वीं किस्त का पैसा 11 करोड़ 37 लाख किसानों को दिया था. लेकिन, अलग-अलग फ्रंट पर की गई स्क्रूटनी में पता चला कि 54 लाख अपात्र किसानों ने 4300 करोड़ रुपये से अधिक की रकम का लाभ उठाया है. जिसकी रिकवरी नहीं हो पा रही. ऐसे में ई-केवाईसी, आधार और लैंड रिकॉर्ड वेरिफिकेशन की अनिवार्यता की गई. इसमें एक झटके में करीब तीन करोड़ लोग बाहर हो गए.
किसानों की ज्यादातर योजनाओं के तहत मिलने वाली रकम में कुछ हिस्सा केंद्र और कुछ राज्य का होता है. लेकिन, पीएम किसान स्कीम में ऐसा नहीं है. इसका पूरा पैसा केंद्र सरकार दे रही है और उसे डायरेक्ट किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जा रहा है. हालांकि, इस योजना में राज्य सरकार की जवाबदेही बहुत बड़ी है. कौन किसान इसके लिए पात्र है और कौन नहीं, इसे तय करने का काम राज्यों का ही है. पात्रों और अपात्रों को पहचानने के लिए केंद्र ने कई फिल्टर लगा दिए हैं. राज्य उन्हीं किसानों का डाटा पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड कर रहे हैं जिनका भूमि सत्यापन हुआ है.
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