राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में आज केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार में कृषि बजट 2013 में 23,000 करोड़ रुपये था जोकि बढ़कर इस वर्ष 1,32,000 करोड़ रुपये हो गया है. वहीं, इसमें से आधे से अधिक यानि लगभग 65,000 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से किसानों को सीधे भुगतान किया गया है.
किसान सम्मान निधि के हिस्से के रूप में 2.24 लाख करोड़ की राशि सीधे 11.5 करोड़ किसानों के खातों में गई है.
उन्होंने सदन को यह भी बताया कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने किसान उत्पादक संगठन (Farmers' Producers Organisation) के गठन में सहायता की है. उन्होंने कहा कि योजना में भाग लेने वाले किसानों को प्रौद्योगिकी प्राप्त होगी, जिससे उन्हें लागत कम करने और व्यापार करने में मदद मिलेगी.
पीएम किसान सम्मान निधि से पैसा पाने वाले किसानों की संख्या में 6 करोड़ की कमी क्यों आई है, इस सवाल पर मंत्री ने कहा, "कुछ किसान जो आयकर दाता थे और अच्छे पदों पर थे, पैसा समर्थन के रूप में दिया जाना था, पीएम किसान निधि फंड उनके लिए नहीं था इसलिए हमने उन्हें हटा दिया और संख्या कम कर दी.
मंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा, “केंद्र सरकार देश में किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाओं को लागू कर रहा है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना से धनराशि सीधे किसानों के खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से जमा की जाती है. उन्होंने बताया, "प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) का उद्देश्य देशभर में जिन किसानों परिवारों के पास जमीन है उनको वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे कृषि खर्चों/जरूरतों को पूरा कर सकें."
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