scorecardresearch
Bihar Fertilizer Crisis:  किसान खाद के लिए परेशान, नीतीश के मंत्री बोले केंद्र सरकार है जिम्मेदार

Bihar Fertilizer Crisis:  किसान खाद के लिए परेशान, नीतीश के मंत्री बोले केंद्र सरकार है जिम्मेदार

बिहार में यूरिया खाद की काफी किल्ल्त देखने को मिल रही है. कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार को कम खाद भेज रही है. वहीं बीजेपी का कहना है कि केंद्र सरकार खाद कम नहीं भेज रही है, बल्कि सरकार अपने लाभ के लिए खाद कम होने की बात कह रही है.

advertisement
फाइल फोटो : बिहार कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत फाइल फोटो : बिहार कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत

बिहार के किसान हताश और परेशान हैं. इस परेशानी की मुख्य वजह यूरिया खाद की किल्लत है. गेहूं के साथ कई रबी फसलें लगी हैं. किसान खेतों में पटवन कर चुके हैं. लेकिन दुकानों पर यूरिया नहीं मिल रही है. किसान खाद के इंतजार में है. दूसरी तरफ राज्य सरकार व केंद्र सरकार के बीच खाद को लेकर कागजी व जुबानी जंग जारी है. राज्य के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने केंद्र सरकार पर हमलावर होते हुए कहा है कि राज्य में आपूर्ति हेतु यूरिया का आकलन 12.70 लाख मीट्रिक टन किया गया है. लेकिन भारत सरकार के द्वारा अब तक 10 लाख 30 हजार मीट्रिक टन स्वीकृत किया गया. अक्टूबर 2022 से लेकर 20 जनवरी 2023 तक 810597 मीट्रिक टन यूरिया यानि 79 प्रतिशत आपूर्ति हो पाई है. वहीं बीजेपी का कहना है कि केंद्र सरकार खाद कम नहीं भेज रही है. यहां की सरकार केवल निजी लाभ एवं अधिकारियों को लाभ देने के लिए खाद कम होने की हवा उड़ा रही हैं.

बता दें गेहूं का पटवन हो चुका है. यूरिया खाद के लिए किसान इधर उधर भटक रहे हैं. हालात यहां तक है कि किसान सीमावर्ती राज्यों से  खाद लाने को मजबूर हैं. कई किसान ब्लैक में अधिक दाम देकर खाद खरीद रहे हैं. वहीं खाद की कालाबजारी रोकने के लिए सरकार के द्वारा उर्वरक प्रतिष्ठान का निरीक्षण एवं सघन छापामारी भी कर रही है.

बिहार को कितनी मिली केंद्र से खाद 

कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने बताया कि भारत सरकार ने 2022 अक्टूबर के महीने में 1,26,670 मीट्रिक टन यूरिया खाद दिया ,जबकि 2,10,000 मीट्रिक टन यूरिया की मांग की गई थी. नवम्बर महीने में 2,50,000  मीट्रिक टन की जगह 1,50,485 मीट्रिक टन यूरिया भेजा गया. आपूर्ति का 60 प्रतिशत ही हो पाया . दिसंबर में बिहार को 3,30,000 मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत थी जबकि 3,19,088 मीट्रिक टन यूरिया ही मिली. यानी जरूरत का 97 प्रतिशत. वहीं 2023 जनवरी में 2,40,000 मीट्रिक टन की मांग है, जिसमें अभी तक 2,14,355 मीट्रिक टन खाद ही मिल पाई है. मांग का लगभग 89 प्रतिशत. आगे उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से राज्य को अक्टूबर व नवंबर महीने में खाद 60 प्रतिशत से अधिक मिल गई होती तो राज्य में खाद की दिक्कत नहीं हुई होती.  रबी 2022-23 में 20 जनवरी तक कुल 7,835 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापामारी की गई है, जिसमें 131 उर्वरक प्रतिष्ठानों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है एवं 268 उर्वरक प्रतिष्ठानों का लाइसेंस रद्द किया गया है.

ये भी पढ़ें: Sugarcane Planter Machine: 8 घंटे में करती है ढाई एकड़ में गन्ने की बुवाई, जानें अन्य खासियत

बिहार में खाद की नहीं है कमी 

सूबे के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि राज्य के किसान खाद के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं. लेकिन मैं दावे के साथ कह रहा हूं कि सरकार के गोदाम में किसी भी दिन 15 लाख बोरी से कम यूरिया नहीं रहा है. वहीं युवा किसान आशीष कुमार सिंह कहते हैं कि पहले खाद मिलना ही बड़ी चुनौती है और अगर खाद मिल भी रही है तो दोगुना दाम देना पड़ रहा है.


ये भी पढ़ें- Budget 2023: कीटनाशकों पर कम क‍िया जाए आयात शुल्क और जीएसटी, क‍िसानों को होगा लाभ