संतरे को विटामिन सी बेहतरीन स्त्रोत माना जाता है. ऐसे में अगर खाने में नागपुरी संतरा मिल जाए तो फिर बात ही कुछ और हो जाती है. असल में नागपुरी संतरा अपनी मिठास और स्वाद के लिए दुनियाभर में जाना जाता है, लेकिन इनदिनों नागपुरी संतरे की जान खतरे में है. ऐसे में इसकी खेती करने वाले किसान परेशान हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि महाराष्ट्र का नागपुर देश में संतरे का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है. यहां के किसान कई सौ एकड़ में संतरे की बागवानी करते हैं, लेकिन इनदिनों संतरे के बागों पर संकट छाया हुआ है. दरअसल, संतरे के बागों पर बड़े पैमाने पर ब्लैक फ्लाई रोग का अटैक बढ़ा है. इस वजह से यहां के किसान परेशानियों का सामना कर रहे हैं.
नागपुर में संतरे की खेती करने वाले किसान अमिताभ पावड़े बताते हैं कि ब्लैक फ्लाई रोग पेड़ों के साथ ही संतरे के फलों पर भी लग रहा है. इससे एक तरफ जहां पेड़ की पत्तियां सूख जाती हैं. तो वहीं फल भी खराब होने लगते हैं. वे बताते हैं कि इस रोग की वजह से इस क्षेत्र में संतरे के कई पेड़ सूख चुके हैं.
किसान अमिताभ पावड़े बताते हैं कि इस रोग की वजह से नागपुरी संतरे का उत्पादन भी गिरा है. वे बताते हैं कि संतरे में लग रही इस बीमारी का मामला महाराष्ट्र विधानसभा में उठाया जा चुका है, लेकिन किसानों को राहत देने के लिए अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है.
ये भी पढ़ें:- Potato farming: यूपी में उगाया जाता देश का सबसे अधिक आलू, ये है टॉप 6 राज्य
महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में संतरे की सबसे ज्यादा खेती की जाती है. नागपुरी संतरे की किस्म अपने अद्भुत स्वाद, सुगंध व स्वास्थ्यवर्धक गुणों के लिए प्रसिद्ध है. लेकिन इस ब्लैक फ्लाई रोग के कारण अब नागपुरी संतरा संकट में है. अमिताभ पावड़े बताते हैं कि इस रोग के चलते किसान लगातार कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं होता है. इसके चलते किसानों का लागत भी बढ़ जाता है.
संतरे के बागों से नागपुर के किसानों को साल में दो बार फल मिलता है. किसान अभी एक बार पिछले महीने दिसंबर में फलों की तुड़ाई कर चुके हैं. वहीं दूसरी बार इसकी तुड़ाई मार्च माह में की जाएगी. नागपुर के संतरों की मांग देश के साथ ही विदेशों में भी खूब है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today