scorecardresearch
बिहार में गन्ना किसानों की राह होगी आसान, सब्सिडी के लिए बनेगा ऑनलाइन पोर्टल

बिहार में गन्ना किसानों की राह होगी आसान, सब्सिडी के लिए बनेगा ऑनलाइन पोर्टल

गन्ने की पैदावार बढ़ाने के ल‍िए ब‍िहार सरकार प्रयासरत है. इसी कड़ी में गन्ना क‍िसानों की सुव‍िधा को बढ़ावा द‍िया रहा है. इसी संबंध में बिहार सरकार ने बीते दिनों विभागीय बैठक में गन्ने की सब्सिडी के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाने का आदेश दिया है. जिससे किसानों को सब्सिडी से जुड़ी जानकारी और आवेदन की सुवि‍धा म‍िलेगी.

advertisement
बिहार के गन्ना किसानों की राह होगी आसान, फोटो साभार: freepik बिहार के गन्ना किसानों की राह होगी आसान, फोटो साभार: freepik

गन्ने की खेती और पैदावार के मामले में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में आता है. भारत में सबसे अधिक मात्रा में गन्ना उत्पादित करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है. वहीं ब‍िहार गन्ना के उत्पादन में उत्तर भारत के राज्यों में काफी पिछड़ा राज्य है. हालांक‍ि गन्ने की खेती के लि‍ए बि‍हार की जलवायु अनुकूल है. लेक‍िन, इसके बाद भी गन्ने की खेती में ब‍िहार अन्य राज्यों की तुलना में प‍िछड़ा हुआ है, ज‍िसे देखते हुए ब‍िहार सरकार अब राज्य में गन्ने की खेती को बढ़ावा दे रही है. इसी कड़ी में ब‍िहार सरकार ने गन्ना क‍िसानों की राह आसान बनाने के ल‍िए ऑनलाइन सब्स‍िडी पोर्टल बनाने का फैसला ल‍िया है. 

असल में बीते द‍िनों बिहार सरकार ने विभागीय बैठक में गन्ने क‍िसानों को सब्सिडी देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाने का आदेश दिया है. जिससे किसानों को सब्सिडी से जुड़ी जानकारी और आवेदन के ल‍िए परेशान न होना पड़े.

किसानों को कितनी मिलेगी सब्सिडी

ब‍िहार सरकार गन्ना क‍िसानों को सब्स‍िडी देती है. इसके ल‍िए ब‍िहार सरकार ने योजना शुरू की है. असल में बिहार में गन्ने की खेती में जैविक खाद के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए बिहार के गन्ना उद्योग विभाग ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. इस योजना के तहत अगर गन्ना किसान अपनी फसलों में जैविक खाद का इस्तेमाल करेंगे तो उन्हें 50 फीसदी यानी 3750 रुपये प्रति हेक्टेयर की खेती पर सब्सिडी राज्य सरकार द्वारा दी जाती है. क्योंकि जैविक खाद के इस्तेमाल से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और खेत का उर्वरता बढ़ेगी. जिससे किसानों को भी अच्छा पैदावार और मुनाफा होगा. वहीं खेतों की उर्वरता बढ़ने से दूसरे फसलों को को भी लाभ होगा.

लाइसेंस धारक विक्रेता से खरीदनी होती है खाद

इस योजना का लाभ उन्हें ही मि‍लता है, जो गन्ना क‍िसान लाइसेंस धारक वि‍क्रेता से ही खाद की खरीदारी करते हैं. मतलब राज्य के क‍िसानों को जैविक खाद की खरीद सिर्फ लाइसेंस धाकर विक्रेता से ही करनी होती है. क्योंकि बिना इसके खाद खरीदने पर सब्सिडी का राशि नहीं मिलेगा. जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है.

येे भी पढ़ें:- रायबरेली के क‍िसान ने उगाए काले समेत 4 रंग के गेहूं, मुनाफे के साथ म‍िला पुरस्कार

बिहार के किस जिले में अधिक होती है गन्ने की खेती

राज्य में उत्तरी बिहार के जिलों में सबसे अधिक गन्ने की खेती की जाती है. इनमें, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, भागलपुर दरभंगा, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सहरसा और पूर्णिया जिला शामिल है. इसके अलावा पटना, भोजपुर और गया में भी गन्ने की खेती की जाती है. अब ऑनलाइन पोर्टल के शुरू हो जाने से इन जिलों के गन्ना किसानों को सब्सिडी के सुविधा में काफी आसानी हो जाएगा.