बिहार फसल उत्पादन में जहां हर दिन एक नई सफलता हासिल कर रहा है, वहीं अब उसकी फसलों के सही भंडारण को लेकर बिहार सरकार द्वारा कार्य योजना तैयार की जा रही है, ताकि फसल के बाद होने वाले नुकसान से बचा जा सके. इसी कड़ी में प्याज भंडारण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अनुदान देने का निर्णय लिया है, ताकि किसान आधुनिक भंडारण संरचनाएं विकसित कर अपनी आय में वृद्धि कर सकें और बेमौसम प्याज की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाया जा सके.
बिहार के कृषि मंत्री सह उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि प्याज भंडारण में सबसे बड़ी चुनौती भंडारण की कमी होती है, जिसके कारण किसानों को अक्सर अपने उत्पाद बहुत ही कम दामों पर बेचने पड़ते हैं. इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार प्याज भंडारण के लिए विज्ञान आधारित संरचनाएं विकसित करने पर 75 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है.
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कृषि मंत्री सिन्हा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत प्याज भंडारण संरचना के लिए कुल 4 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत वाली योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि बिहार में प्याज के पर्याप्त और उचित भंडारण की सुविधा की भारी कमी है, जिसके कारण प्याज उत्पादक किसान आपातकालीन बिक्री के लिए विवश हो जाते हैं. इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा भंडारण संरचना का निर्माण कराया जा रहा है, ताकि प्याज उत्पादक किसान गैर-मौसमी समय में भी अपने उत्पाद का उचित बाजार मूल्य प्राप्त कर सकें.
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि यह केंद्र प्रायोजित योजना अनुसूची-2 के अनुसार लागू की जा रही है, जिसके तहत राज्य के 23 जिलों, भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, कैमूर, लखीसराय, नवादा, सारण, शेखपुरा, सिवान, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, गया, खगड़िया, मधुबनी, मुंगेर, नालंदा, पटना, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर और वैशाली में वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान क्रियान्वयन किया जाएगा. प्याज भंडारण संरचना का निर्माण वित्तीय वर्ष 2023-24 में सब्जी विकास योजना के अंतर्गत अनुमोदित विभागीय प्राक्कलन और नक्शे के अनुसार किसानों द्वारा किया जाएगा.
कृषि मंत्री ने बताया कि प्याज भंडारण संरचना के निर्माण के लिए प्राक्कलन की राशि अथवा अधिकतम 6 लाख रुपये की लागत पर 75 प्रतिशत यानी 4.50 लाख रुपये प्रति इकाई का सहायता अनुदान दो समान किश्तों में डीबीटी इन कैश के रूप में दिया जाएगा. वहीं,पहली किस्त सिविल कार्य (नींव, प्लिंथ और छत स्तर के ढांचागत निर्माण) के बाद और दूसरी किस्त संरचना निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत दी जाएगी. प्रति किसान परिवार को अधिकतम एक प्याज भंडारण संरचना का लाभ दिया जाएगा.
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आगे उन्होंने बताया कि किसानों का चयन ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से प्राप्त श्रेणीवार लॉटरी के आधार पर किया जाएगा. कृषि मंत्री ने कहा कि यह पहल न केवल उत्पादन के बाद होने वाले नुकसान को कम करेगी, बल्कि बाजार में कीमतों को स्थिर रखने और किसानों को उचित मूल्य दिलाने में भी सहायक सिद्ध होगी. प्याज भंडारण योजना के अंतर्गत किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, डेमो संरचनाओं का प्रदर्शन, और निर्माण के लिए डिजाइन और परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है, ताकि वे उच्च गुणवत्ता वाली संरचनाएं बना सकें.
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