बिहार के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. अब किसानों को अपनी समस्याएं निपटाने के लिए कृषि कार्यालय, अधिकारियों और कर्मियों के पास चक्कर नहीं काटना पड़ेगा, बल्कि एक कॉल पर समस्या का समाधान हो जाएगा. साथ ही किसानों को इसकी पूरी जानकारी दी जाएगी. दरअसल, अब कृषि कार्यालय में उर्वरक कंट्रोल रूम बनाया गया है. इसमें किसानों की समस्या को सुनने के लिए कर्मचारी तैनात रहेंगे और वे हर कॉल को रिसीव करने के बाद तुरंत मामले के का हल करेंगे. ऐसे में किसान अब एक फोन करके अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं.
इस कंट्रोल रूम की स्थापना मंगलवार को की गई है. पहले किसानों को खादों की कालाबजारी, खाद की कमी और अन्य समस्याओं को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. किसानों की कई समस्याओं का भी समाधान नहीं हो पाता था, लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी ने पहल करते हुए कंट्रोल रूम की स्थापना करवाई है. यहां किसान 06244-299917 नंबर पर कॉल करके अपनी समस्या बता सकते हैं, जिससे उसकी समस्याओं का समाधान किया जा सके. इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी.
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डीएओ ने बताया कि कंट्रोल रूम के नंबर पर कॉल आने के बाद तुरंत किसानों की समस्या और शिकायतों की जानकारी संबंधित पंचायत के कृषि समन्वयक और संबंधित प्रखंड कृषि पदाधिकारी को दी जाएगी, जिससे वे कार्रवाई कर सकें. वहीं, कार्रवाई करने के बाद इसकी जानकारी अंत में किसानों और शिकायतकर्ताओं को दी जाएगी, जिससे किसान पूरी तरह से संतुष्ट हो सकें.
उर्वरक कंट्रोल रूम की स्थापना का मुख्य मकसद सिर्फ खादों के कालाबाजारी से जुड़ी हुई समस्या ही नहीं है. इसके अलावा कृषि विभाग से जुड़ी अन्य योजनाओं जैसे, डीजल पर सब्सिडी, बीज वितरण और अन्य योजनाओं के बारे में भी अगर भ्रष्टाचार या अन्य किसी भी प्रकार की शिकायत हो तो कंट्रोल रूम के नंबर पर कॉल किया जा सकता है, ताकि मामले का समाधान हो सके.
किसानों को अपनी समस्याओं की शिकायत करने के लिए रविवार और अन्य छुट्टियों के दिन भी कोई दिक्कत नहीं आएगी. इसके लिए रविवार को भी कंट्रोल रूम चलाया जाएगा. कंट्रोल रूम सुबह के 10 बजे से शाम के पांच बजे तक चलेगा. इसके लिए कर्मचारियों का रोस्टर भी तैयार कर लिया गया है. रोस्टर में तैनात किए गए कर्मचारियों को इस दौरान पूरी तरह मुस्तैदी से रहना होगा.
उर्वरक कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन करने वाले किसानों की पूरी जानकारी एक रजिस्टर में लिखी जाएगी. वहीं, प्रत्येक दिन कार्यालय बंद होने से पहले डीएओ और अन्य सीनियर पदाधिकारी रजिस्टर की जांच करेंगे कि कितने कॉल आए और इस पर क्या कार्रवाई की गई. इसको लेकर उप निदेशक ने कहा कि नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि लिखते हुए शिकायत और कार्रवाई के बारे में भी जानकारी भरी जाएगी.
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