छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने कहा है कि राज्य में किसानों के लिए अब खेती करना घाटे का सौदा होने की बात इतिहास में दफन हो गई है. राज्य सरकार ने आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से दावा किया है कि Paddy and Sugarcane Farmers के लिए खेती अब मुनाफे का सौदा बन चुकी है. इसके पीछे सरकार ने देश में धान की सबसे ज्यादा एमएसपी छत्तीसगढ़ में मिलने और गन्ना किसानों का शत प्रतिशत बकाया भुगतान होने को मूल वजह बताया है. छत्तीसगढ़ सरकार अपने Election Promise के मुताबिक धान की एमएसपी पर बोनस भी दे रही है.
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में धान के किसानों को उपज का सर्वाधिक मूल्य मिलना सुनिश्चित हुआ है. इसका लाभ राज्य में धान की खेती कर रहे 24 लाख 72 हजार से ज्यादा किसानों को हुआ है.
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सरकार का कहना है कि राज्य में Paddy Procurement की व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने के बाद किसानों के लिए खेती अब मुनाफ का सौदा साबित होने लगी है. यह भी दलील दी जा रही है कि फसल उगाने से लेकर उसे बेचे जाने तक, खेती की समूची प्रक्रिया बेहद आसान हुई है. सरकार के परिवर्तनकारी फैसलों से छत्तीसगढ़ देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है, जहां किसानों को धान की सबसे ज्यादा कीमत मिल रही है.
छत्तीसगढ़ में CM VD Sai की अगुवाई वाली सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बोनस देने के लिए कृषक उन्नति योजना शुरू की है. इसके जरिए छत्तीसगढ़ के किसानों को एमएसपी पर बोनस के साथ 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हर किसान से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद की गारंटी दी जा रही है. इस योजना के तहत ही सरकार ने अपना चुनावी वादा पूरा करते हुए पिछले साल 25 दिसंबर को 13 लाख किसानों के बैंक खातों में दो सालों का धान के लंबित बोनस के रूप में 3,716 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.
कृषक उन्नति याेजना के तहत किसानों को मिल रहे प्रोत्साहन का ही परिणाम है कि वर्ष 2023-24 में 24.75 लाख किसानों से MSP पर 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई. इसके एवज में उन्हें 31,913 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. इसके तहत इस साल 12 जनवरी को बोनस राशि के रूप में 24.75 लाख किसानों को 13,320 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी किया गया.
सीएम साय ने Farmers Interests को ध्यान में रखते हुए Mandi Act में संशोधन करने का फैसला किया है. इसके लागू होने से अब अन्य राज्यों की मंडी समिति के Traders and Processers भारत सरकार के राष्ट्रीय कृषि बाजार (E-NAM Portal) के माध्यम से किसानों की उपज की खरीद बिक्री बिना पंजीकरण कराए कर सकते हैं. इससे छत्तीसगढ़ के किसानों को उपज का अधिकतम मूल्य मिल सकेगा.
छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन के तहत मंडी फीस की जगह कृषक कल्याण शुल्क शब्द जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही कृषक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए Mandi Board को अपनी Annual Income की 10 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि में जमा करना होगा.
इसके अलावा राज्य सरकार ने खेतिहर मजदूरों की समस्याओं को दूर करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना शुरू करने का निर्णय लिया है. इसमें Landless Agricultural Labourers को सालाना 10,000 रुपये की Financial Aid दी जायेगी. इस योजना के लिए सरकार ने वर्ष 2024-2025 के बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इसके साथ ही सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद, बीजों का वितरण भी समय के भीतर ही हो सके.
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राज्य सरकार ने प्रदेश में Sugarcane Farmers के बकाया का शत प्रतिशत भुगतान किए जाने की जानकारी देते हुए बताया कि इससे गन्ना किसानों के लिए भी खेती, मुनाफे का सौदा बन गयी है. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि पेराई सीजन वर्ष 2023-24 के गन्ना किसानों को अब तक कुल 113 करोड़ 52 लाख रुपए का भुगतान किया गया है. राज्य सरकार के वादे के मुताबिक किसानों को जल्द ही रियायत दर पर 50 किलो शक्कर भी दी जा रही है.
उन्होंने बताया गन्ने की चालू पेराई सीजन शुरू होने से पहले पिछले सीजन 2023-24 में गन्ना किसानों को गन्ने के समर्थन मूल्य FRP के रूप में 6 करोड़ 02 लाख रुपए का भुगतान संबद्ध चीनी मिल द्वारा किया गया है. इस भुगतान के साथ ही मिल द्वारा अब तक कुल 113 करोड़ 52 लाख रुपए का भुगतान गन्ना किसानों को किया जा चुका है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगले सीजन में भी इसी तरह गन्ना किसानों का शत प्रतिशत भुगतान समय से किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि किसानों की जागरूकता और उच्च गुणवत्ता के गन्ना की आपूर्ति के कारण इस वर्ष रिकवरी में भी वृद्धि हुई है. जिससे किसानों को इस वर्ष पिछले वर्ष से अधिक रिकवरी राशि प्राप्त होगी. इस राशि का भी भुगतान जल्द ही किया जाएगा. गौरतलब है कि एफआरपी और Recovery Money का भुगतान चीनी मिल द्वारा ही किया जाता है. राज्य सरकार के कृषि बजट में बोनस राशि को भी गन्ना किसानों को देने का प्रावधान किया गया है.
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