Right to Education : पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को फिर स्कूल भेजेगी छत्तीसगढ़ सरकार

Right to Education : पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को फिर स्कूल भेजेगी छत्तीसगढ़ सरकार

शहरी क्षेत्रों की गरीब बस्तियों और ग्रामीण इलाकों में School Dropout यानी स्कूल से पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी लाने के लिए हर बच्चे को शिक्षा का अनिवार्य अधिकार मुहैया कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. शिक्षा का अधिकार कानून (RTE Act) के तहत इस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को फिर से स्कूल भेजने की पहल की है.

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Right to Education : पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को फिर स्कूल भेजेगी छत्तीसगढ़ सरकारछत्तीसगढ़ में स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर मिलेगा पढ़ने का मौका (सांकेतिक फोटो)

अनिवार्य शिक्षा का अधिकार हर बच्चे को मुहैया कराना Right to Education Act यानी RTE कानून के तहत राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. इसके लिए राज्य सरकारों को अनिवार्य तौर पर ऐसी व्यवस्था लागू करना जरूरी होता है कि किसी भी परिस्थिति में किसी बच्चे को स्कूल से पढ़ाई न छोड़नी पड़े. इस कानूनी जिम्मेदारी का पालन करते हुए School Dropout की समस्या से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक कार्ययोजना को लागू कर दिया है. इसके तहत राज्य की विष्णुदेव साय सरकार उन बच्चों तक पहुंचेगी, जिन्होंने बीते 5 साल में किन्ही कारणों से स्कूल जाना बंद कर दिया है. स्कूल से ड्रॉप आउट हुए बच्चों की पहचान कर सरकार उन्हें RTE के तहत फिर से पढ़ने के लिए स्कूल भेजेगी. राज्य सरकार ने इस बाबत सभी जिला कलेक्टरों को जरूरी आदेश जारी कर दिए हैं.

पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की पहचान शुरू

छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से सरकार को School Dropout की समस्या बढ़ने की जानकारी से हाल ही में  अवगत कराया गया. इस पर सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ऐसे बच्चों की पहचान करने का फैसला किया है जो पिछले 5 साल में स्कूल से दूर हो गए. इनमें अधिसंख्य बच्चे ग्रामीण इलाकों में हैं और वे परिवार की वित्तीय हालत खराब होने के कारण स्कूल जाना बंद कर देते हैं.

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गैर सरकारी स्कूल भी देंगे जानकारी

राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक उन बच्चों की भी जानकारी मांगी गई है जिन्हें आरटीई के तहत गैर सरकारी स्कूलों में प्रवेश मिला था और वे बाद में पढ़ाई छोड़ कर चले गए. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि जिले के Unaided Schools के प्रबंधक, प्राचार्यों की बैठक 10 दिन के भीतर बुलाकर यह समीक्षा करें कि उनके विद्यालय में कितने विद्यार्थियों ने आरटीई के तहत प्रवेश लिया था. उनमें से कितने बच्चे पढ़ाई छोड़कर ड्राप आउट हो गए हैं.

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सभी स्कूलों को सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में यह जानकारी विभाग को देनी होगी. कलेक्टरों से यह भी कहा गया है कि विगत 5 वर्षों में ड्राप आउट हुए बच्चों की जानकारी जुटा कर इसकी समीक्षा करें कि कैसे इन बच्चों काे फिर से स्कूल भेजा जाए. सरकार की ओर से कलेक्टरों द्वारा जुटाई गई जानकारी हासिल होने के बाद सरकार इस अभियान के अगले चरण में ड्राप आउट होने वाले बच्चों को फिर से स्कूल भेजने के उपायों को अमल में लाएगी. जिससे पूरे राज्य में आरटीई की मंशा के अनुरूप सभी बच्चे अपनी Primary Education अनिवार्य रूप से पूर्ण कर सकें.

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