Rajasthan: इस पोर्टल पर मौजूद हैं खेती-बाड़ी की सभी योजनाएं,10 लाख किसानों ने लिया लाभ 

Rajasthan: इस पोर्टल पर मौजूद हैं खेती-बाड़ी की सभी योजनाएं,10 लाख किसानों ने लिया लाभ 

राजस्थान सरकार की ओर से लॉच किया गया एक ऐसा भी पोर्टल है जहां खेती-बाड़ी से संबंधित सभी तरह की जानकारी एक ही जगह मिल जाती है. किसान साथी पोर्टल से सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म के जरिए किसानों को सरकार ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग के रूप में सुविधा दे रही है. किसान साथी पोर्टल पर जाकर किसान सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन भी कर रहे हैं.

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Rajasthan: इस पोर्टल पर मौजूद हैं खेती-बाड़ी की सभी योजनाएं,10 लाख किसानों ने लिया लाभ राज किसान साथी पोर्टल से राजस्थान के किसानों को घर बैठे मिल रहा योजनाओं का लाभ.

अक्सर आप यह खबरें पढ़ते होंगे कि किसानों को जागरुकता के कमी के कारण योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता. उन्हें योजनाओं के बारे में पता करने के लिए अलग-अलग विभागों में भटकना पड़ता है. एक हद तक यह सही भी है, लेकिन राजस्थान के मामले में ऐसा नहीं है. राजस्थान सरकार की ओर से लॉन्च किया गया एक ऐसा भी पोर्टल है जहां खेती-बाड़ी से संबंधित सभी तरह की जानकारी एक ही जगह मिल जाती है. साथ ही राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए लॉन्च की गई योजनाएं, सब्सिडी और अन्य महत्वपूर्ण बातें 'किसान साथी' नाम के इस पोर्टल पर मौजूद है. यही नहीं इसका लाभ किसानों को मिलता भी दिख रहा है. इस पोर्टल को शुरू करने की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2019-20 में की थी. 

इस सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म के जरिए किसानों को सरकार ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग के रूप में सुविधा दे रही है. किसान साथी पोर्टल पर जाकर किसान सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन भी कर रहे हैं.

10 लाख किसान कर चुके हैं आवेदन

किसान साथी पोर्टल के माध्यम से ड्रिप, स्प्रिंकलर, पॉली हाउस, पाइप लाइन, फार्म पॉन्ड, कृषि यंत्र जैसी सभी योजनाओं के लिए अब तक 10 लाख से अधिक किसान आवेदन कर चुके हैं. किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए पोर्टल में लॉटरी निकालने की सुविधा भी मुहैया कराई गई है. साथ ही डेढ़ लाख से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष लाभ ट्रांसफर (डीबीटी) किए जा चुके हैं. डीबीटी के माध्यम से किसानों को 481 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जा चुके हैं. किसान साथी पोर्टल के माध्यम से बीज, उर्वरक, कीटनाशी के लाइसेंस भी जारी किए जाते हैं. अब तक 50 हजार से अधिक लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं.

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किसानों का समय बच रहा, पेपरलेस कार्यप्रणाली

पोर्टल के माध्यम से योजनाओं का लाभ लेने के साथ-साथ इस प्रणाली से किसानों का समय काफी बच रहा है. समय-समय पर कृषि विभाग की ओर से आवेदन प्रक्रियाओं को आसान बनाया जाता है. आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और पेपरलैस होती है. इससे समय, धन और काम में पारदर्शिता आती है. किसान साथी पोर्टल पर जाकर राजस्थान का कोई भी किसान जन आधार कार्ड से आवेदन कर सकता है और कृषि, पशुपालन, उद्यान संबंधी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. 

फसलों की खरीद-बिक्री के लिए बनाए 11 मोबाइल ऐप

राज किसान साथी पॉर्टल पर किसानों, व्यापारियों और कार्मिकों के लिए 11 मोबाइल ऐप बनाए गए हैं. राज किसान सुविधा एप राज्य सरकार द्वारा खेती से जुड़ी योजनाओं और अनुदान की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऐप को बनाया गया है. वहीं, राज किसान क्रेता-विक्रेता मोबाइल ऐप - खरीददार और विक्रेताओं के रजिस्ट्रेशन के लिए बनाया गया है.

किसान साथी पॉर्टल को और प्रभावी बनाने के लिए राज किसान साथी वेरिफिकेशन मोबाइल ऐप की शुरूआत की गई है. इसके माध्यम से क्षेत्र निरीक्षण की स्थिति में मौका रिपोर्ट और मौके पर जियोटैग फोटोग्राफी अपलोड किए जाते हैं. 

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राजस्थान में खजूर भी काफी बड़ी मात्रा में उगाए जाते हैं. खजूर के पौधों की खरीद-बिक्री के लिए किसानों के लिए राज किसान खजूर ऐप भी विकसित किया गया है. वहीं, जैविक खेती करने वाले किसानों की उपज की खरीद-बिक्री के लिए राज किसान जैविक ऐप बनाया गया है. राज किसान जैविक ऐप पर अभी तक हजारों किसान और 500 व्यापारी अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. इसके अलावा बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की गुणवत्ता जांच के लिए सैंपल लेने के लिए राज एग्री क्यूसी मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाइन किया जा रहा है. इस ऐप के माध्यम से अभी तक 49 हजार सैंपल ऑनलाइन लिए जा चुके हैं. 

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ऐप से 30 लाख किसानों को बांट बीज मिनिकिट 

किसानों को बीज मिनिकिट देने के लिए आवेदन कराए जाते हैं. इसी प्रक्रिया के लिए राज किसान सत्यापन मोबाइल ऐप बनाया गया है. इसमें किसानों की सभी जानकारी उपलब्ध हो जाती है. इस ऐप से किसानों को अलग-अलग फसल के बीज मिनीकिट दिए जाते हैं. मिनीकिट मिलने के बाद किसानों को उनके मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस भी मिलता है. अब तक 30 लाख किसानों को एप के माध्यम से बीज मिनीकिट बांटे जा चुके हैं. 

किसान साथी पोर्टल की विशेषता

इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को विभिन्न योजनाओं में आवेदन के लिए अनेक दफ्तरों में भटकना नहीं पड़ता. साथ ही इसमें पूरी प्रक्रिया पेपरलेस है. जन आधार कार्ड के जरिए ही आवेदन स्वीकार किए जाते हैं. योजना में आवेदन के बाद हर चरण में किसानों को एसएमएस से सूचना दी जाती है. साथ ही भौतिक सत्यापन (फिजिकल वैरिफिकेशन) ऑनलाइन ही किया जाता है. किसान ने जिस योजना के लिए आवेदन किया है, उसका लाभ उसके जन आधार कार्ड से लिंक बैंक अकाउंट में सीधे जमा होता है. 

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