जैसलमेर जिले के इंदिरा गांधी नहर के किसानों ने बुधवार को जिला मुख्यालय पहुंच कर जिला कलेक्टर टीना डाबी को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में उन्होंने अपने हिस्से का पानी कहीं और भेजे जाने और अपनी फसलों के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलने पर विरोध जताया. नहरी विभाग द्वारा रबी फसल-2023 की बुवाई के लिए सिंचाई कार्यक्रम निर्धारित किया गया है जिसमें जैसलमेर जोन को 2100 क्यूसेक पानी देने की बात है. लेकिन जिले के नहरी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते केवल 500 से 600 क्यूसेक पानी ही जैसलमेर के किसानों को मिल रहा है. इसके विरोध में किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया और फसलों के लिए पानी की मांग की.
किसानों का कहना है कि जैसलमेर जिले के किसानों के हिस्से का पानी गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर जिले को दिया जा रहा है जिससे जिले के किसानों की रबी फसलें पानी बिना जल रही हैं. इस समस्या को सुलझाने के लिए जिला कलेक्टर टीना डाबी को ज्ञापन दिया गया है. ज्ञापन में अतिरिक्त मुख्य शासन सचिव जल संसाधन विभाग को पत्र लिखकर जैसलमेर नहरी जोन को अपने हिस्सा का पानी दिलाने के लिए अनुरोध किया गया है.
इससे पहले किसान बड़ी संख्या में पानी की मांग को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. कलेक्ट्रेट पर नहरों में पानी की कमी को लेकर उग्र विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान किसानों ने जिला कलेक्टर को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. किसान नेता साभान खान ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि रबी की फसल पकाव पर है, लेकिन सिंचाई का पानी नहीं मिलने से फसलें जल रही हैं. इससे किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है. किसानों में भारी आक्रोश है.
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किसान नेता ने कहा, पानी के अभाव के चलते रबी की फसलों में जहां 50 से 60 प्रतिशत उत्पादन क्षमता प्रभावित हो चुकी है, वहीं अब भी नहरी विभाग द्वारा जलापूर्ति की उचित व्यवस्था नहीं की जा रही है. किसानों को अपने हिस्से तक का भी पानी नहीं मिल रहा है. इससे किसानों में भारी आक्रोश है. किसान नेता साभान खान ने कहा, बुधवार को जिला कलेक्टर को हमने ज्ञापन सौंपा है. यदि जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता है तो मजबूरन किसान आगामी दिनों में जैसलमेर, बाड़मेर, पोकरण की पेयजल सप्लाई को बाधित करेंगे और उग्र आंदोलन करेंगे. इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी.
वहीं दूसरी तरफ जिला कलेक्टर टीना डाबी ने इस संबंध में अतिरिक्त प्रमुख शासन सचिव, जल संसाधन विभाग, राजस्थान जयपुर को किसानों की मांग के संबंध में एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि किसानों ने आज (बुधवार) एक ज्ञापन सौंपकर आठवीं और नौवीं सिंचाई के पानी की बारी समय पर दिलाने का अनुरोध किया. तय कार्यक्रम के मुताबिक 14 फरवरी से 20 मार्च तक चक्रीय कार्यक्रम के तहत किसानों को नौ बारियों में पानी उपलब्ध कराया जाना है. लेकिन तय कार्यक्रम के अनुसार किसानों को पूर्ण पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है, जबकि फसल की पकाई अंतिम चरण में है. इसके मद्देनजर किसानों को जल्द पानी दिलाया जाना जरूरी है.
टीना डाबी ने आगे लिखा है कि इंदिरा गांधी मुख्य नहर में पानी अत्यंत कम आने से किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है. इससे फसलों के नष्ट होने की संभावना है. पत्र में उन्होंने आग्रह किया कि नहरों में 2100 क्यूसेक पानी तुरंत उपलब्ध कराएं ताकि किसानों में व्याप्त रोष और आंदोलन की स्थिति समाप्त हो और जिले की कानून व्यवस्था प्रभावित न हो.(रिपोर्ट/विमल भाटिया)
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