मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी स्कीम शुरू की है. यह स्कीम प्रदेश में ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों के लिए है. सरकार ने कहा है कि जो किसान ऑर्गेनिक खेती करते हैं, अगर वे साथ में गौपालन भी करेंगे तो उन्हें हर महीने 900 रुपये दिए जाएंगे. इस स्कीम के तहत मध्य प्रदेश सरकार इसी महीने 22000 ऐसे किसानों को पहली किस्त जारी करेगी. स्कीम में जैसे-जैसे ऑर्गेनिक किसान जुड़ेंगे, उन्हें गौपालन करने पर आर्थिक मदद का लाभ दिया जाएगा. इसी के साथ सरकार ने प्रदेश में पशु चिकित्सा एंबुलेंस सर्विस की भी शुरुआत की है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को पशु एंबुलेंस सर्विस का उद्घाटन किया. यह सर्विस ठीक वैसी ही होगी जैसी इंसानों को चिकित्सा का लाभ देने के लिए होती है. पशु चिकित्सा एंबुलेंस के जरिये बीमार मवेशियों को अस्पताल या मेडिकल सेंटरों में ले जाया जा सकेगा.
पशु चिकित्सा एंबुलेंस के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक टोल फ्री नंबर 1962 लॉन्च किया है. कोई भी किसान या गौपालन करने वाला व्यक्ति इस नंबर पर फोन कर एंबुलेंस सर्विस का लाभ ले सकता है. इस सर्विस में पालतू जानवरों के इलाज की सुविधा दी जाएगी. टोलफ्री नंबर पर फोन करने पर एंबुलेंस के साथ एक वेटरनरी डॉक्टर और एक असिस्टेंट की सुविधा घर पर मुहैया कराई जाएगी.
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य की राजधानी में एक समारोह में 'पशु चिकित्सा एंबुलेंस' (पशु एंबुलेंस) योजना के तहत 406 सर्विस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "आज वह दिन आ गया है जब राज्य में सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि जानवरों के लिए भी एंबुलेंस उपलब्ध हैं."
मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध रूप से गायों की ढुलाई करते पाए जाने वाले वाहनों को राज्य में जब्त कर लिया जाएगा. उन्होंने यह भी घोषणा की कि जैविक (ऑर्गेनिक) खेती करने वाले किसानों को गाय पालने के लिए प्रति माह 900 रुपये दिए जाएंगे और ऐसे 22,000 किसानों को इस महीने योजना के तहत पहली किस्त मिलेगी.
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इसके अलावा, किसानों से खरीदे गए गाय के गोबर का उपयोग करके सीएनजी बनाने के लिए राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 'गोवर्धन' प्लांट लगाने का काम चल रहा है. चौहान ने गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अंत्येष्टि के लिए गौकष्ट (गाय के गोबर को कंप्रेस करके बनाई गई लकड़ी) का उपयोग करने का सुझाव दिया, जो किसानों के लिए अतिरिक्त आय बनाने में मदद करेगा और पर्यावरण का संरक्षण भी करेगा.
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