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कागजों में मृत घोषित, अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा किसान

कागजों में मृत घोषित, अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा किसान

किसान कन्हैयालाल वंशकार किसी पर आरोप लगाने से बच रहे हैं. वे सिर्फ यह कह रहे हैं कि उन्हें सरकारी रिकॉर्ड में जिंदा कर दिया जाए और उन्हें किसान सम्मान निधि का लाभ दे दिया जाए. किसान वंशकार कहते हैं, मुझे शासन के रिकार्ड में मृत घोषित कर दिया है. मैं शासन से चाहता हूं कि मुझे रिकार्ड में फिर से जिंदा किया जाए और पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जाए.

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भोपाल के किसान कन्हैयालाल वंशकार भोपाल के किसान कन्हैयालाल वंशकार

किसानों के नाम पर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं. उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने का दम भरा जाता है. लेकिन जमीनी हकीकत दावों से कोसों दूर है. आलम यह है कि राजधानी भोपाल में ही एक ज़ीवित गरीब दलित किसान को कागज़ों में मार दिया गया है. सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही से एक दलित और गरीब किसान खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. दरअसल किसान को पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan) योजना का लाभ नहीं मिल रहा था. इसके चलते वह कई दिनों से तहसील के चक्कर काट रहा था. लेकिन उसको कारण पता नहीं चल पा रहा था. बाद में पता चला कि उस किसान को कागजों में मृत बता दिया गया है.

पीएम किसान सम्मान निधि के नाम पर किसान को पटवारी सहित तहसील के अधिकारी और कर्मचारी लगातार गुमराह कर रहे थे. लेकिन जब उसके बेटे ने ऑनलाइन स्टेटस चेक किया तो उसको पता चला कि तहसील के दस्तावेजों में किसान की मृत्यु हो जाने के कारण सम्मान निधि नहीं मिल पा रही है. मामला उजागर होने के बाद अब तहसीलदार ने तीन से चार दिन में किसान की समस्या का हल कर देने का आश्वासन दिया है.

बैरसिया तहसील के गांव नायसमंद निवासी किसान कन्हैयालाल वंशकार ने 2020 में पीएम किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन किया था. योजना के लिए पात्र होने के बावजूद उनको इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा था. पिछले काफी समय से वे तहसील और पटवारी ऑफिस के चककर लगा रहे थे. लेकिन हर बार उनको कुछ न कुछ वजह बताकर चलता कर दिया जाता था. काफी समय बीतने के बाद भी समस्या का हल नहीं हुआ तो किसान ने बेटे से योजना का ऑनलाइन स्टेटस चेक कराया. ऑनलाइन स्टेटस चेक करने पर जो जानकारी सामने आई, उसको जानकर किसान और उसके परिवार वालों के होश उड़ गए. 

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पता चला कि जो किसान पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan) के लिए लगातार तहसील और पटवारी के चक्कर लगा रहा था. सरकारी रिकॉर्ड में उसकी मौत हो जाने के कारण उसका प्रकरण इनएक्टिव कर दिया गया था. तुरंत किसान अपने बेटे और परिवार वालों के साथ बैरसिया तहसीलदार संतोष मुदगल के कार्यालय में पहुंचा और अपनी समस्या से अवगत कराया. इसके बाद तहसीलदार ने किसानों को तीन से चार दिन में उसकी समस्या का हल करने का आश्वासन दिया है. साथ ही संबंधित नायब तहसीलदार द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर किसान के प्रकरण को एक्टिव कराने का निवेदन किया गया है.

किसान कन्हैयालाल वंशकार किसी पर आरोप लगाने से बच रहे हैं. वे सिर्फ यह कह रहे हैं कि उन्हें सरकारी रिकॉर्ड में जिंदा कर दिया जाए और उन्हें किसान सम्मान निधि का लाभ दे दिया जाए. किसान वंशकार कहते हैं, मुझे शासन के रिकार्ड में मृत घोषित कर दिया है. मैं शासन से चाहता हूं कि मुझे रिकार्ड में फिर से जिंदा किया जाए और पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जाए. 

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इस पूरे मामले में बैरसिया के तहसीलदार संतोष मुदगल ने कहा कि दो-तीन दिन में उनका खाता एक्टिव हो जाएगा. मुदगल कहते हैं, हमारे यहां 40 हज़ार किसान हैं जिनमें से दो-चार को समस्या आती है. उसका समाधान पहले पटवारी स्तर पर किया जाता है. अगर वहां से नहीं होता तो फिर तहसीलदार स्तर पर किया जाता है.