गुजरात सरकार ने अभी हाल में आए बिपरजॉय च्रकवात से बर्बाद हुई फसलों को लेकर बड़ा ऐलान किया है. सरकार ने चक्रवात से हुए फसली नुकसान की भरपाई के लिए 240 करोड़ रुपये का रिलीफ फंड जारी किया है. यह पैसा उन किसानों के बीच बांटा जाएगा जिनकी फसलें चक्रवाती तूफान में बर्बाद हो गई हैं. सरकार की इस घोषणा के मुताबिक, कच्छ और बनासकांठा जिले के किसान रिलीफ फंड के पैसे का लाभ उठा सकेंगे. यही दो जिले हैं जहां चक्रवाती तूफान ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई.
इस रिलीफ फंड के तहत सरकार जिन बागवानी फसलों, पौधों या पेड़ों को 10 से 33 परसेंट तक नुकसान हुआ है, उन किसानों को प्रति हेक्टेयर 25,000 रुपये की सहायता राशि देगी. ऐसे मामलों में जहां बागवानी फसलों को 33 परसेंट से अधिक क्षति हुई है, एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर के अलावा 1,02,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाएगी. प्रति खाता दो हेक्टेयर की सीमा तक कुल 1,25,000 रुपये की सहायता सरकार की तरफ से दी जाएगी.
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इस राहत पैकेज की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री राघवजीभाई पटेल ने कहा कि चक्रवात के कारण मुख्य रूप से कच्छ और बनासकांठा जिलों में 1.30 लाख हेक्टेयर भूमि पर बागवानी और अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है. बड़ी संख्या में फलों के पेड़ गिर गए और आंशिक या पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए. उन्होंने कहा कि 311 टीमों ने इन चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का सर्वेक्षण किया और राज्य सरकार ने दो सबसे अधिक प्रभावित जिलों में किसानों की मदद के लिए 240 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की.
राज्य सरकार विशेष रूप से उन मामलों में भी 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का भुगतान करेगी, जहां बारहमासी बागवानी और अन्य फसलों वाले खेतों में 10 परसेंट से 33 परसेंट तक पेड़ पौधों को नुकसान हुआ. मंत्री ने कहा, किसान केवल तभी सरकारी सहायता पा सकेंगे, जब उनकी फसल की क्षति 33 प्रतिशत से अधिक हो या उनकी फसल 10 परसेंट से अधिक बर्बाद हुई हो. इन किसानों के पास सर्वेक्षण नंबर भी होना चाहिए. किसानों को इसके लिए तालुका विकास अधिकारी के पास अपना आवेदन जमा करना होगा.
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जिला स्तर पर व्यक्तिगत गांव का सर्वेक्षण विस्तार अधिकारी (कृषि) द्वारा किया जाना है. आवेदन के संबंध में किसी भी प्रश्न के मामले में, विस्तार अधिकारी (कृषि)/जिला कृषि अधिकारी/उद्यान उप निदेशक से संपर्क किया जाना चाहिए.
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