Rabi Sowing Bijli Suppy: गुजरात सरकार ने रबी सीजन में किसानों को राहत देते हुए सात जिलों में कृषि फीडरों पर बिजली सप्लाई बढ़ाई है. छह जिलों में 8 की जगह 10 घंटे और दाहोद के दो तालुकों में 12 घंटे बिजली मिलेगी. जानिए वो तहसीलें कौन-सी हैं.
गुजरात में बेमौसम बारिश से खरीफ की 30 लाख हेक्टेयर फसल बुरी तरह प्रभावित हुई. राज्य सरकार ने मुआवजे के लिए आवेदन पोर्टल शुरू किया है, जहां किसान 15 दिनों तक बिना शुल्क राहत राशि के लिए अप्लाई कर सकेंगे.
केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित कर रही हैं. इस बीच गुजरात का एक ऐसा जिला भी है, जो कुछ सालों से सिर्फ प्राकृतिक खेती से ही अनाज, फल सब्जियां उगा रहा है. जानिए इसके बारे में...
सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में पीजीवीसीएल के बिजली वितरण क्षेत्र के तहत जाम जोधपुर, लालपुर, मानावदर, वंथली, मेंदरडा, केशोद, मांगरोल, मालिया हटिना और कच्छ जिले के तहसीलों में मूंगफली और अन्य फसलों को बचाने के लिए किसानों को 10 घंटे बिजली देने के लिए डिस्कॉम को आदेश दिए गए हैं.
गुजरात सरकार ने शुक्रवार को अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया. इस बजट में अब तक की सबसे अधिक राशि दी गई है. इसमें कई योजनाओं की भी शुरुआत हुई है. इसी में एक है नमो लक्ष्मी योजना.
सरकार जिन बागवानी फसलों, पौधों या पेड़ों को 10 से 33 परसेंट तक नुकसान हुआ है, उन किसानों को प्रति हेक्टेयर 25,000 रुपये की सहायता राशि देगी. ऐसे मामलों में जहां बागवानी फसलों को 33 परसेंट से अधिक क्षति हुई है, एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर के अलावा 1,02,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाएगी.
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने गुजरात के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाई है. कच्छ और सौराष्ट्र में बड़े पैमाने पर क्षति हुई है. फसलों की बर्बादी के साथ बड़ी संख्या में मवेशियों की जान गई है. इन सबसे किसानों को राहत देने के लिए गुजरात सरकार ने किसानों को मुआवजा देने का ऐलान किया है.
जिन किसानों की फसल का 33 फीसद या उससे अधिक नुकसान हुआ है, उन्हें सरकारी राहत राशि के अलावा स्टेट डिजास्टर रेस्पोंस फंड यानी कि SDRF के नियमों के तहत भी पैसा दिया जाएगा. गेहूं, चना, सरसों, केला और पपीता जैसी फसलों के लिए किसानों को एसडीआरएफ से 13,500 रुपये और राज्य सरकार से 9,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की अतिरिक्त सहायता मिलेगी. इस तरह कुल राशि 23,000 रुपये तक होती है.
गुजरात सरकार ने सिंचाई जैसे काम के लिए किसान सूर्योदय योजना निकाली थी जिसमें किसानों को दिन में बिजली दी जाती थी. पर यह योजना तीन महीने से कम चली और किसानों को दिन में बिजली मिलना बंद हो गया. अब किसान दिन में बिजली के लिए तरस रहे हैं और उन्हें घंटों-घंटों इसके लिए इंतजार करना होता है.
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