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मोटा अनाज की खेती के लिए 2000 रुपये नकद दे रही सरकार, ऐसे उठा सकते हैं लाभ

मोटा अनाज की खेती के लिए 2000 रुपये नकद दे रही सरकार, ऐसे उठा सकते हैं लाभ

मोटे अनाज की खेती को लेकर चलाई जा रही इस योजना के तहत विभिन्न कलस्टर में खेती की जाएगी. एक कलस्टर में अधिकतम 25 एकड़ का क्षेत्र होगा. इसके साथ ही इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की तरफ से किसानों को आर्थिक मदद भी दी जाएगी.

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बिहार में मोटे अनाज की खेती को मिलेगा बढ़ावा (सांकेतिक तस्वीर) बिहार में मोटे अनाज की खेती को मिलेगा बढ़ावा (सांकेतिक तस्वीर)

मोटे अनाज की खेती में होने वाले फायदे और इसे खाने के फायदे को देखते हुए राज्य और केंद्र सरकारें मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दे रही हैं. अधिक से अधिक किसान इसकी खेती से जुड़ सकें, इसके लिए सरकार की तरफ से योजनाएं भी चलाईं जा रही हैं. इसी तर्ज पर बिहार सरकार भी मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने का काम कर रही है. इसके तहत बिहार के कटिहार जिले में पहली बार मोटे अनाज की खेती को लेकर खरीफ मौसम का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. न्यूट्री सिरियल पोषक अनाज कार्यक्रम के तहत सभी मोटे अनाज की खेती को लेकर अलग-अलग लक्ष्य रखा गया है. इसमें यह भी तय किया गया है कि किस मोटे अनाज की खेती कितने एकड़ में की जाएगी. 

मोटे अनाज की खेती को लेकर चलाई जा रही इस योजना के तहत विभिन्न कलस्टर में खेती की जाएगी. एक कलस्टर में अधिकतम 25 एकड़ का क्षेत्र होगा. इसके साथ ही इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की तरफ से किसानों को आर्थिक मदद भी दी जाएगी. खेती मद के लिए किसानों को 2000 रुपये का नकद अनुदान दिया जाएगा. इसे किसान अपनी मर्जी के अनुसार खेती के लिए खर्च कर सकेंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, सांवा और चीना की खेती 4115 एकड़ में की जाएगी. इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके लिए अलग से सब्सिडी की सुविधा दी जाएगी. साथ ही इनके बीज को लेकर भी लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. 

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बीज वितरण की चल रही तैयारी

किसानों को मोटे अनाज के बीज पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर दिया जाएगा. इसके लिए तैयारी की जा रही है. विभाग के कर्मियों की मानें तो खाद्य एवं पोषण सुरक्षा कृषोन्नति योजना और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत न्यूट्री पोषक अनाज कार्यक्रम वर्ष 2024-25 के तहत कलस्टर का निर्माण किया जा रहा है. कोदो, सावां और चीना की खेती को लेकर सभी 16 प्रखंडों के 87 पंचायतों की 2160 एकड़ भूमि चयनित की गई है. जबकि इतनी ही संख्या में राजस्व गांवों का चयन किया गया है. कुल 87 कलस्टर में इसकी खेती की जाएगी. एक कलस्टर में अधिकतम 25 एकड़ का क्षेत्रफल होगा. वहीं बाजरा की खेती के लिए जिले के सभी प्रखंडों में 425 एकड़ जमीन का चयन किया गया है. बाजरे की खेती 17 राजस्व ग्राम के 17 कलस्टर में की जाएगी. 

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1420 एकड़ में होगी रागी की खेती

वहीं रागी की खेती के के लिए 1420 एकड़ जमीन का चयन किया गया है. इसके लिए जिले के 16 प्रखंडों के 52 राजस्व ग्राम में 57 कलस्टर का चयन किया जाएगा. जबकि ज्वार की खेती के लिए पांच प्रखंडों के 110  एकड़ जमीन का चयन किया जाएगा. पांच प्रखंडों के पांच ग्राम पंचायत के पांच राजस्व ग्राम में पांच कलस्टर बनाया जाएगा. कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो पहली बार मोटा अनाज की खेती के लिए खरीफ मौसम में लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें अलग-अलग मोटा अनाज के लिए 210 क्विटंल बीज की आवश्यकता होगी. बीज वितरण को लेकर तैयारी की जा रही है.