वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने वर्ष 2025-26 के लिए बिहार का बजट पेश किया, जिसमें कृषि क्षेत्र से जुड़े कई अहम घोषणाएं की गईं. इस बजट में बिहार सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अरहर, मूंग और उड़द की दालों की खरीदारी की बात कही. साथ ही, राज्य के विभिन्न प्रखंडों में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना करने की घोषणा की गई है. चुनावी साल में नीतीश सरकार का आखिरी बजट पेश किया गया. वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने दूसरा बजट पेश करते हुए कृषि क्षेत्र में कई नई घोषणाएं कीं. इनमें धान और गेहूं के साथ-साथ अरहर, मूंग और उड़द की दालों की MSP पर खरीदारी शामिल है.
इसके अलावा, सभी अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर कोल्ड स्टोरेज की स्थापना करने की बात भी बजट में कही गई. इसके साथ ही, कई फसलों के लिए राज्य में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने को लेकर घोषणाएं की गई. वहीं, बिहार खाद्य प्रसंस्करण नीति 2025 और बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड की भी घोषणा की गई. बिहार सरकार द्वारा 2025-26 के लिए कुल 3 लाख 17 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया. इस बजट में विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, कृषि और महिला उत्थान पर जोर दिया गया. पंचायत स्तर पर गरीब कन्याओं के विवाह के लिए 'कन्या विवाह मंडप' की स्थापना की जाएगी, और राज्य के सभी शहरों में पिंक टॉयलेट्स की स्थापना की योजना बनाई गई है.
वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बजट के माध्यम से कृषि क्षेत्र में कई नई घोषणाएं कीं. उन्होंने बताया कि राज्य के 21 कृषि उत्पादन बाजार प्रांगणों का आधुनिकीकरण और समुचित विकास किया जा रहा है, साथ ही अन्य सभी बाजार समितियों को कार्यशील बनाया जाएगा. राज्य सरकार नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन (NCCF) और नेफेड के साथ मिलकर अरहर, मूंग, उड़द जैसी फसलों की दालों की MSP पर खरीदारी की जाएगी. इसके अलावा, सभी प्रखंडों में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना की जाएगी. इसके साथ ही बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण और वितरण फेडरेशन द्वारा सुधा के तर्ज पर राज्य के सभी प्रखंडों में 'तरकारी सुधा आउटलेट' खोले जाएंगे. इसके साथ ही, उन प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियां (PVCs) का गठन किया जाएगा, जहां अब तक यह समितियाँ नहीं बनी हैं.
वित्त मंत्री ने अपने अभिभाषण के दौरान कहा कि किसानों की आय में वृद्धि, पर्यावरणीय स्थिरता, औद्योगिक विकास और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'बिहार खाद्य प्रसंस्करण नीति 2025' लाई जाएगी. बिहार में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्यमों के लिए व्यापक संभावनाएं हैं, जिन्हें बढ़ावा देने में यह नीति मील का पत्थर साबित होगी. राज्य में उपलब्ध कृषि उत्पादों आधारित इनपुट के लिए किसानों को अच्छा मूल्य प्राप्त होगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी.
वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य में कई फसलों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जा रही है, जिनमें पान के लिए गया के टनकुप्पा और वैशाली के बिदुपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने का काम चल रहा है. इसके अलावा, आम, मशरूम, टमाटर, आलू, प्याज इत्यादि के लिए भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जा रहे हैं. अब गुड़ के लिए भी एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पूसा में स्थापित किया जाएगा. इसके साथ ही, उद्यमिता विकास संस्थान का जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड की घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक सीड फंडिंग के रूप में राज्य सरकार द्वारा 25 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जो बिहार को जलवायु अनुकूल और कार्बन न्यूट्रल बनाने में मदद करेगा. इससे कृषि को जलवायु अनुकूल बनाने, स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ाने और युवाओं के लिए हरित रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. इसके अलावा, वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य के नहरों के किनारे और बांधों पर सोलर पावर प्लांट स्थापित किए जाएंगे.
शिक्षा के क्षेत्र में नई घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य के उन प्रखंडों में एक डिग्री महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी, जहां पहले से कोई सरकारी या निजी महाविद्यालय नहीं है. इसके साथ ही, स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर उन्होंने कहा कि बिहार में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की रोकथाम और इलाज के लिए बिहार कैंसर केयर सोसाइटी की स्थापना की जाएगी. इसके अतिरिक्त, बेगूसराय में एक कैंसर अस्पताल भी स्थापित किया जाएगा और 108 नगर चिकित्सा सुविधा केंद्र भी खोले जाएंगे.
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