सरकार देशभर में जल्दी खराब होने वाले बागवानी उत्पादों के भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं की स्थापना को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए कई योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. मंगलवार को कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर की तरफ से लोकसभा में एक जवाब के तहत सदन को बताया कि सरकार किस तरह से कई योजनाओं को लागू कर रही है. इन योजनाओं के तहत देश भर में जल्दी खराब होने वाले बागवानी उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध है.
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा संचालित 'एकीकृत बागवानी विकास मिशन' के अंतर्गत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की वार्षिक कार्य योजना (AAP) के अनुसार, 5000 मीट्रिक टन तक की क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज के निर्माण, विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए सहायता दी जाती है. यह योजना मांग और उद्यमी आधारित है, जिसमें सामान्य क्षेत्रों में परियोजना लागत का 35 फीसदी और पूर्वोत्तर, पहाड़ी एवं अनुसूचित क्षेत्रों में 50 फीसदी तक की सहायता ऋण से जुड़ी बैक एंडेड सब्सिडी के रूप में दी जाती है.
इस योजना का लाभ उठाने वाले पात्र समूहों में किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, उत्पादक समूह, स्वयं सहायता समूह (SHG), किसान उत्पादक संगठन (FPO), कंपनियां, सहकारी समितियां, विपणन संघ, एपीएमसी, स्थानीय निकाय और राज्य सरकारें शामिल हैं.
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड तरफ से भी कोल्ड स्टोरेज और बागवानी प्रॉडक्ट्स के भंडारण स्थलों के निर्माण/विस्तार/आधुनिकीकरण हेतु पूंजी निवेश सब्सिडी योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत 5000 से 20000 मीट्रिक टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज और नियंत्रित वातावरण (CA) भंडारण इकाइयों को सामान्य क्षेत्रों में परियोजना लागत का 35 फीसदी और विशेष क्षेत्रों (पूर्वोत्तर, पहाड़ी, अनुसूचित) में 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है.
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री मिनिस्ट्री 'प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना' के तहत इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन, फूड प्रोसेसिंग और संरक्षण अवसंरचना के लिए योजनाएं चला रहा है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य बागवानी एवं अन्य उत्पादों के कटाई पश्चात नुकसान को कम करना और किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाना है. इसके तहत-
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