PMFBY: 1 रुपये वाली योजना हुई बंद तो फसल बीमा से किनारा करने लगे महाराष्‍ट्र के किसान, आखिर क्‍यों? 

PMFBY: 1 रुपये वाली योजना हुई बंद तो फसल बीमा से किनारा करने लगे महाराष्‍ट्र के किसान, आखिर क्‍यों? 

PMFBY: महाराष्‍ट्र में रुपये वाली योजना के बंद होते ही मानों किसानों का इससे मोहभंग हो गया है. सरकार ने जो नई योजना लागू की तो उसमें कुछ बदलाव भी किए. नई योजना में किसानों को ज्‍यादा प्रीमियम अदा करना पड़ेगा. यह इस नई योजना में होने वाला सबसे बड़ा बदलाव था.  माना जा रहा है कि किसानों को नए बदलावों के बारे में ठीक से मालूम नहीं है. ऐसे में इस स्‍कीम को ज्‍यादा किसान अपना नहीं पा रहे हैं.

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1 रुपये वाली योजना हुई बंद तो फसल बीमा से किनारा करने लगे महाराष्‍ट्र के किसान, आखिर क्‍यों? Fasal Bima: महाराष्‍ट्र के किसान बचते फसल बीमा से

महाराष्‍ट्र की सरकार ने कुछ महीने पहले राज्‍य में एक नई फसल बीमा योजना लागू की है. इस योजना में अब एक रुपये वाला फायदा किसानों को मिलना बंद हो गया है और सरकार ने इसमें नए नियमों को जोड़ा है. नई बीमा योजना के लिए किसानों का रूझान बहुत अच्‍छा नहीं है. एक रिपोर्ट की मानें तो महाराष्‍ट्र के कई जिलों में ऐसे किसान हैं जिन्‍होंने खरीफ सीजन में फसल बीमा योजना से ही किनारा कर लिया है. किसानों की संख्‍या कम होने की वजह से अब इसकी तारीख को भी बढ़ा दिया गया है. 

पिछले साल जमकर हुए रजिस्‍ट्रेशन  

वेबसाइट अग्रोवन की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्‍ट्र के चंद्रपुर में इस बार किसान, फसल बीमा योजना से कन्‍नी काट रहे हैं. पिछले साल खरीफ के सीजन में जब एक रुपये में फसल बीमा वाली स्‍कीम लागू थी तो यहां 2.5 लाख से ज्‍यादा किसानों ने एक रुपये फसल बीमा योजना का फायदा उठाया था. महाराष्‍ट्र सरकार ने साल 2023 में एक रुपये में फसल बीमा योजना को लागू किया था. इस योजना में मौसम खराब होने की वजह से नुकसान की भरपाई किसानों को की जाती थी. मौसम की वजह से अगर किसानों को बीज बोने और रोपाई जैसे कामों में परेशानी होती थी, या फिर बीज बोने से लेकर कटाई तक मौसम की वजह से अगर उन्‍हें फसल का नुकसान होता था तो इस फसल बीमा का फायदा मिलता है. 

बंद हो गई 1 रुपये वाली योजना 

एक रुपये वाली फसल बीमा योजना को चंद्रपुर के किसानों ने हाथों हाथ लिया था. 2024 में तीन लाख से ज्‍यादा किसानों ने इस योजना के लिए रजिस्‍ट्रेशन कराया था. 2023 और 2024 दोनों ही सालों में मौसम की वजह से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. लेकिन कंपनियों ने मुआवजा अदा करने में काफी मुश्किलें पैछा की थीं. किसानों को उस साल योजना का फायदा नहीं मिल सका था. इसके बाद कई किसानों ने इस योजना से ही तौबा कर ली थी.  पिछले साल मराठवाड़ा और दूसरे हिस्‍से में  इस योजना को लेकर कई तरह की खामियां नजर आईं. इस मामले में विधानसभा में उठाया गया और तब से ही 1 रुपये में फसल बीमा योजना को सरकार ने बंद कर दिया. 

50 हजार किसानों का रजिस्‍ट्रेशन! 

1 रुपये वाली योजना के बंद होते ही मानों किसानों का इससे मोहभंग हो गया है. सरकार ने जो नई योजना लागू की तो उसमें कुछ बदलाव भी किए. नई योजना में किसानों को ज्‍यादा प्रीमियम अदा करना पड़ेगा. यह इस नई योजना में होने वाला सबसे बड़ा बदलाव था.  माना जा रहा है कि किसानों को नए बदलावों के बारे में ठीक से मालूम नहीं है. ऐसे में इस स्‍कीम को ज्‍यादा किसान अपना नहीं पा रहे हैं. राज्‍य में 1 जुलाई से 31 जुलाई तक इस योजना के लिए रजिस्‍ट्रेशन कराना था. 14 जुलाई तक 3516 किसानों ने ही इसके लिए रजिस्‍ट्रेशन कराया है और 3667.49 हेक्‍टेयर जमीन के लिए इन किसानों ने फसल बीमा कराया है. कृषि विभाग के अनुसार 31 जुलाई तक चंद्रपुर के सिर्फ 50 हजार किसानों ने ही योजना के लिए रजिस्‍ट्रेशन कराया है. 

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