अब महाराष्‍ट्र में स्‍थानीय चुनाव का समय... तो किसानों के Loan Rocovery पर लगी रोक 

अब महाराष्‍ट्र में स्‍थानीय चुनाव का समय... तो किसानों के Loan Rocovery पर लगी रोक 

कम समय के (अल्‍पकालिक) कृषि ऋणों को मध्यम अवधि के कर्ज में बदला जाएगा. इससे किसानों पर रि-पेमेंट का बोझ कम हो सकेगा. इसके अलावा, कृषि से संबंधित ऋणों की वसूली को एक वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया है. स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (SLBC), महाराष्‍ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वो प्रभावित गांवों में उपायों को लागू करें .

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अब महाराष्‍ट्र में स्‍थानीय चुनाव का समय... तो किसानों के Loan Rocovery पर लगी रोक गुजरात के व्यवसायी ने चुकाया 30 साल का कर्ज

मह‍ाराष्‍ट्र में कुछ ही दिनों में स्‍थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले एक बार फिर राज्‍य सरकार ने किसानों के कर्ज को लेकर बड़ा ऐलान किया है. स्थानीय निकाय चुनावों के बीच, हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित किसानों को राहत देने के मकसद से महाराष्‍ट्र सरकार ने बुधवार को फसल ऋण वसूली पर एक वर्ष की रोक लगा दी है. साथ ही कृषि से संबंधित कर्ज के पुनर्गठन की घोषणा भी की है. इस संबंध में सरकार ने एक सरकारी संकल्प (GR) जारी किया है.    

दो राहत प्रावधानों का ऐलान 

सरकार की तरफ से जारी आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया है, 'राज्य ने मॉनसून के दौरान (जून–सितंबर) के दौरान भीषण बाढ़ का सामना किया जिसके कारण फसलों और कृषि भूमि को बड़े पैमाने पर नुकसान झेलना पड़ा, पशुधन की हानि हुई, इंसानी जनहानि हुई, इमारतें ढह गईं और प्रभावित गांव वालों को विस्थापित होना पड़ा.' इसमें आगे कहा गया है, 'सरकार ने निर्धारित तहसीलों के प्रभावित किसानों के लिए दो प्रमुख राहत प्रावधानों की घोषणा की है जिनमें सहकारी ऋणों का पुनर्गठन और ऋण वसूली को स्थगित करना शामिल है.' 

ताकि किसानों पर कम हो सके बोझ 

सरकारी संकल्प के अनुसार, कम समय के (अल्‍पकालिक) कृषि ऋणों को मध्यम अवधि के कर्ज में बदला जाएगा. इससे किसानों पर रि-पेमेंट का बोझ कम हो सकेगा. इसके अलावा, कृषि से संबंधित ऋणों की वसूली को एक वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया है. इसमें आगे कहा गया है, 'स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (SLBC), महाराष्‍ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वो निर्धारित तहसीलों के सभी प्रभावित गांवों में इन उपायों को लागू करने के लिए जरूरी कार्रवाई करें.' जीआर के मुताबिक सहकार आयुक्त और सहकारी संस्थाओं के रजिस्‍टर, महाराष्‍ट्र राज्य, पुणे, इन राहत उपायों के कड़े क्रियान्वयन को सुनिश्चित करेंगे. 

जून में होगा कृषि ऋण माफी पर फैसला 

सरकारी संकल्प ऐसे समय में जारी किया गया है जब विपक्षी दल पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान महायुति गठबंधन द्वारा किए गए फसल ऋण माफी के वादे को पूरा करने की मांग कर रहे हैं. सरकार पहले ही किसानों को कर्ज जाल में फंसने से रोकने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपाय सुझाने हेतु मुख्यमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर चुकी है. मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की है कि सरकार अगले साल 30 जून तक फसल ऋण माफी पर निर्णय लेगी. 

कमेटी तय करेगी मानदंड 

पहले, फडणवीस ने कहा था कि राज्य सरकार ने फार्म लोन वेवर (कृषि ऋण माफी) के मानदंड तय करने के लिए एक समिति गठित की है.  इन्हीं मानदंडों के आधार पर राज्य में इस योजना को लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'जैसे ही समिति अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, अगले तीन महीनों के भीतर योजना लागू कर दी जाएगी. समिति कृषि क्षेत्र में कठिनाइयों को कम करने और वित्तीय संकट का समाधान करने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों का सुझाव भी देगी.' वहीं अब यह देखना होगा कि इस बार क्‍या वाकई यह ऐलान पूरा होगा या फिर पिछले विधानसभा चुनावों वाला सिर्फ 'चुनावी ऐलान' बनकर रह जाएगा.

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