कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान 26-27 नवंबर 2025 को पंजाब के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वे किसानों, मनरेगा श्रमिकों, ग्रामीण विकास परियोजनाओं के लाभार्थियों और कृषि वैज्ञानिकों से सीधे रूबरू होंगे. चौहान का यह दौरा केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं लाभकारी खेती, मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था और जमीनी स्तर पर योजनाओं की प्रभावी निगरानी को लेकर काफी अहम है. केंद्रीय मंत्री 26 नवंबर की रात अमृतसर पहुंचेंगे और अगले दिन सुबह मोगा जिले के मॉडल गांव रंसीह कलां का दौरा शुरू करेंगे.
यह गांव पर्यावरण-संवेदनशील गतिविधियों, फसल-अवशेष प्रबंधन और सामुदायिक भागीदारी के लिए जाना जाता है. कृषि मंत्री चौहान यहां किसानों और ग्रामीणों के साथ खुले संवाद में फसल विविधिकरण, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा और आय बढ़ाने के विकल्पों पर चर्चा करेंगे. वे ग्रामीणों द्वारा स्वयं विकसित किए गए नवाचारों और खेती से जुड़े स्थानीय प्रयोगों का भी जायजा लेंगे.
मोगा में संवाद के बाद केंद्रीय मंत्री जालंधर स्थित के.एल. सहगल मेमोरियल हॉल पहुंचेंगे, जहां वे मनरेगा लाभार्थियों के साथ बैठक करेंगे. इस दौरान रोजगार सृजन, आजीविका सुरक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण और मनरेगा के व्यापक प्रभाव पर चर्चा होगी. चौहान श्रमिकों से सीधे फीडबैक लेकर कार्यक्रम की जमीनी स्थिति का आकलन करेंगे.
इसके बाद वे जालंधर के जिला प्रशासनिक परिसर में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे. बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण सड़क विकास, आजीविका मिशन, स्व-सहायता समूहों की प्रगति, स्किल डेवलपमेंट और अन्य चल रही योजनाओं की स्थिति पर विस्तार से समीक्षा की जाएगी.
चौहान अधिकारियों को निर्देश देंगे कि ग्रामीण विकास से जुड़े सभी कार्यक्रम समयबद्ध, पारदर्शी और परिणामोन्मुख तरीके से आगे बढ़ें. समीक्षा बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री मीडिया से संवाद करेंगे और किसानों तथा ग्रामीण समुदायों के लिए केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं, हालिया नीतिगत कदमों और पंजाब के प्रति विशेष फोकस को साझा करेंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में वे यह भी बताएंगे कि केंद्र सरकार खेती को लाभकारी बनाने और गांवों को सशक्त करने के लिए किस प्रकार की नई रणनीतियों पर काम कर रही है.
इसके बाद उनका दौरा जालंधर स्थित आईसीएआर-सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपीआरआई), बादशाहपुर में जारी रहेगा. यहां वे कृषि वैज्ञानिकों और किसानों से मुलाकात कर उन्नत आलू बीज, नई किस्मों, प्रसंस्करण तकनीकों और आधुनिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर चर्चा करेंगे. सीपीआरआई लंबे समय से पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के किसानों को गुणवत्तापूर्ण आलू बीज और तकनीक उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. मंत्री चौहान संस्थान की प्रयोगशालाओं और फील्ड यूनिट का निरीक्षण भी करेंगे.
दिनभर के व्यस्त कार्यक्रम के बाद शिवराज सिंह चौहान अमृतसर हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए रवाना होंगे. मंत्री का यह दौरा न केवल पंजाब के किसानों और ग्रामीण समुदायों के साथ सरकार के संवाद को और मजबूत करेगा, बल्कि फील्ड से मिले फीडबैक के आधार पर कृषि और ग्रामीण विकास नीतियों को और अधिक प्रभावी तथा स्थानीय जरूरतों के अनुरूप बनाने में भी सहायक साबित होगा.
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