ऐसे समय में जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं तो राज्य में पॉलिटिकल तमाशे भी जमकर हो रहे हैं. गुरुवार को आई एक खबर ने हर जगह हलचल मचा दी है. यहां पर विधानसभा परिसर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सीनियर मंत्री चंद्रकांत पाटिल और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की एक सीक्रेट मीटिंग सुर्खियों में है. कहा जा रहा है कि पाटिल ने शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया उद्धव ठाकरे से एक मुलाकात की है. हालांकि इस मुलाकात पर ठाकरे कैंप का कुछ और ही कहना है लेकिन इसके बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक अटकलों को हवा मिल गई है.
अखबार डेक्कन हेराल्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पाटिल ने परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे और शिवसेना एमएलसी अनिल परब के केबिन में ठाकरे का स्वागत किया. जब ठाकरे, एमएलसी, परिषद की ओर बढ़ रहे थे, तो उन्होंने लिफ्ट का इंतजार करते हुए बीजेपी के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का अभिवादन भी किया. महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून सत्र गुरुवार को शुरू हुआ. पाटिल बीजेपी की पूर्व स्टेट यूनिट के मुखिया रहे हैं और इस समय महाराष्ट्र के हायर और टेक्निकल एजुकेशन मिनिस्टर हैं. उनके पास संसदीय कार्य मंत्री की भी जिम्मेदारी है.
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राजनीतिक सूत्रों की मानें तो यह सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात थी क्योंकि पाटिल संसदीय कार्य मंत्री हैं. सभी राजनीतिक और मीडिया अटकलों को खारिज करते हुए शिवसेना (यूबीटी) विधायक वैभव नाइक ने इसे ' सिर्फ संयोग' बताया है. उनकी मानें तो ठाकरे-फडणवीस विधान भवन की लिफ्ट में एक साथ थे. पाटिल और ठाकरे की सीक्रेट मीटिंग की खबरें ऐसे समय में आई हैं जब महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में सबकुछ ठीक नहीं होने की भी खबरें हैं.
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गठबंधन में इस बात पर मतभेद हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा. शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरद पवार) और कांग्रेस से मिलकर बने इस गठबंधन का लक्ष्य इस साल के अंत में होने वाले चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को सत्ता से हटाना है. एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटकों को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा से दूर रहना चाहिए. इसके बजाय राज्य में सत्ता में वापसी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
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