पंजाब में अलग-अलग किसान संगठनों के द्वारा आज (30 दिसंबर) रेल रोको आंदोलन का आयोजन किया जा रहा है और इस धरना प्रदर्शन के कारण 163 ट्रेनों को कैंसिल, 19 ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट, 15 ट्रेनों को शॉर्ट ओरिजीनेट किया गया है. इसके साथ ही 15 ट्रेनें विलंब से चल रही हैं 09 ट्रेनों को रोककर चला जा रहा है. रोककर चलाई जाने वाली ट्रेनों को ऐसे स्थानों पर रोका जाएगा जहां रेलयात्रियों को कोई असुविधा का सामना न करना पड़े और उनको मूलभूत सुविधाएं जैसे चाय पानी (खान-पान) की सुविधा मिलती रहे.
यह जानकारी देते हुए डीआरएम दफ्तर फिरोजपुर के अधिकारियों ने बताया कि रेलयात्रियों को प्रभावित ट्रेनों की जानकारी मिलती रहे, इसके लिए स्टेशनों पर हेल्प डेस्क की व्यवस्था और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लगातार उद्घोषणा की जाएगी. स्टेशनों पर सभी पर्यवेक्षक और वाणिज्य निरीक्षक अपने मुख्यालय में ही रहेंगे ताकि यात्रियों को सभी सुविधाएं मिल सकें. रेलयात्रियों की जानकारी के लिए ट्रेन रद्दीकरण, शॉर्ट टर्मिनेट, शॉर्ट ओरिजिनेट, डायवर्टेड ट्रेनों की जानकारी बल्क मैसेज के द्वारा भी उपलब्ध कराई जा रही है. मुख्य स्टेशनों पर रेल यात्रियों को रिफंड लेने के लिए अतिरिक्त काउंटरों की व्यवस्था की गई है.
किसानों द्वारा बंद की कॉल देने पर फिरोजपुर में बाजार पूरी तरह से बंद और आवाजाही भी पूरी तरह से बंद है. लोग अपने घरों में ही बैठे हैं. जरूरी काम के लिए कुछ ही लोग निकल रहे हैं. किसानों ने शाम चार बजे तक हड़ताल रखी है. किसान आंदोलन-2 को लेकर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी, भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर की तरफ से पंजाब बंद की कॉल दी गई है और व्यापारियों से बंद का समर्थन मांगा गया है. हालांकि व्यापारियों ने बंद में शामिल होने से मना कर दिया है. व्यापारियों का कहना है कि इससे व्यापार को नुकसान होगा, इसलिए वे इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं.
अपनी मांगों को लेकर किसान पंजाब में धरने पर बैठे हुए हैं. किसानों ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद का ऐलान पहले ही कर दिया था और आज पूरा पंजाब बंद है. इसका सबसे ज्यादा असर रेलवे पर पड़ा है. पंजाब जाने वाली सभी रेलगाड़ियों को रेलवे ने रद्द कर दिया है, जिस कारण पंजाब जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है. स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ देखी जा सकती है. यात्रियों को पंजाब जाने के लिए कोई और साधन तलाशते देखा गया. यात्रियों की अगर मानें तो उनका कहना है कि उन्हें पहले ये नहीं पता था कि ट्रेन पंजाब नहीं जाएगी. वर्ना आज हम आते ही नहीं, अब हम बहुत परेशान हो रहे हैं.
अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन से ही ट्रेंस को दिल्ली की और रवाना किया जा रहा है. अंबाला रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ लगी है. यात्रियों को पंजाब बंद होने के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं. रेलवे स्टेशन पर लोगों को ठंड में बैठे देखा गया, जिस यात्री को जहां जगह मिल रही है, वो वहीं पर बैठा है. यात्रियों का कहना है कि अगर उन्हें पहले पता होता तो वो घर से ही न निकलते लेकिन अब अंबाला से आगे पंजाब नहीं जा पा रहे हैं.
पंजाब बंद पर जरूरी सेवाएं जैसे मेडिकल की दुकान खुली नजर आ रही है लेकिन बाकी सारी दुकानें बंद हैं. वही राहगीर और दुकानदारों ने कहा कि किसानों का मसला हल होना चाहिए, व्यापार आगे ठप है, सरकार को देखना चाहिए.
किसानों ने धारेरी जट्टान टोल प्लाजा पर धरना दिया, जिससे पटियाला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुई. अमृतसर के गोल्डन गेट पर बड़ी संख्या में किसान जुटने लगे. बठिंडा के रामपुरा फूल में धरना दिया गया. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने अमृतसर में कहा कि आपातकालीन और अन्य जरूरी सेवाओं को चालू रहने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे पर उड़ान पकड़ने, नौकरी के लिए साक्षात्कार देने या शादी में शामिल होने के लिए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को जाने की अनुमति दी जाएगी.
पंढेर ने दावा किया, "सभी प्रतिष्ठान बंद हैं. पंजाबियों ने आज अपनी एकता दिखाई है और वे पूरा समर्थन दे रहे हैं." उन्होंने कहा, "हम एक सफल बंद देख रहे हैं. ट्रेन सेवाएं भी पूरी तरह से बंद हैं और कोई भी ट्रेन पंजाब में प्रवेश नहीं कर रही है." फगवाड़ा में, किसानों ने एनएच-44 पर शुगरमिल क्रॉसिंग के पास धरना दिया और फगवाड़ा से नकोदर, होशियारपुर और नवांशहर की ओर जाने वाली सड़कों को बंद कर दिया. उन्होंने फगवाड़ा-बंगा रोड पर बेहराम टोल प्लाजा पर भी धरना दिया.
कई जगहों पर अनाज मंडियां बंद रहीं. पंढेर ने दावा किया कि उनकी हड़ताल को ट्रांसपोर्टरों, कर्मचारी यूनियनों, व्यापारी संगठनों और धार्मिक निकायों से मजबूत समर्थन मिला है. मोहाली जिले में बाजार सुनसान रहे और सड़कों पर यातायात बहुत कम दिखा. कई जगहों पर सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहा, जबकि अधिकांश निजी बस ऑपरेटरों ने बंद के आह्वान का पालन करते हुए अपनी सेवाएं निलंबित कर दीं. रेलवे ने राज्य से गुजरने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया.
बंद का असर अंबाला सहित राज्य के कुछ पड़ोसी इलाकों में भी देखा गया. अंबाला से चंडीगढ़, मोहाली, पटियाला और पंजाब के अन्य नजदीकी शहरों में जाने वाले सैकड़ों दैनिक यात्री बंद के कारण परेशान रहे. बसों ने अंबाला से चंडीगढ़ जाने के लिए वैकल्पिक रूट अपनाए, क्योंकि उन्हें पंजाब से गुजरने वाले नेशनल हाईवे के एक हिस्से को पार करना था.
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने दिल्ली की ओर उनके मार्च को रोक दिया था. 101 किसानों के एक "जत्थे" (समूह) ने 6 से 14 दिसंबर के बीच तीन बार पैदल दिल्ली तक मार्च करने का प्रयास किया, लेकिन हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया. एमएसपी के अलावा, किसान कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए "न्याय" की भी मांग कर रहे हैं.
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