पंजाब सरकार के अधिकारियों के एक उच्चस्तरीय दल ने शुक्रवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की. दल ने किसान नेता के बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की. किसान नेता ने चिकित्सा उपचार से इनकार कर दिया है. राज्य सरकार ने 24 घंटे उनके स्वास्थ्य की निगरानी के लिए 8 सीनियर डॉक्टरों की टीम बनाई है. आज शनिवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान उनकी सेहत और आंदोलन को लेकर बैठक करेंगे. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दल्लेवाल की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और पंजाब सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उन्हें चिकित्सा सहायता दी जाए.
सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून समेत अन्य मांगों को लेकर किसान 13 फरवरी से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन, केंद्र सरकार की ओर से सकारात्मक रिस्पॉन्स नहीं मिलने से किसान नाराजा हैं. केंद्र पर किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के लिए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 32 दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं.
पंजाब सरकार के पुलिस उप महानिरीक्षक मनदीप सिंह सिद्धू, पटियाला की उपायुक्त प्रीति यादव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नानक सिंह और अन्य की टीम ने खनौरी सीमा विरोध स्थल पर किसान नेता डल्लेवाल से मुलाकात की और उनसे चिकित्सा उपचार स्वीकार करने का आग्रह किया. अधिकारियों ने उन्हें लंबे समय तक उपवास के चलते उनके महत्वपूर्ण अंगों पर पड़ने वाले प्रभाव से अवगत कराया और तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया. लेकिन, किसान नेता ने उपचार लेने से मना कर दिया है.
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने शाम को दल्लेवाल से मुलाकात की और केंद्र से आग्रह किया है कि वह अपना 'अड़ियल रवैया' छोड़कर किसानों से बातचीत कर उनके मुद्दों का समाधान करे. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.
वित्तमंत्री ने कहा कि आप सरकार किसानों और उनकी वास्तविक मांगों के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान शनिवार को विदेश से लौटेंगे और उसके बाद डल्लेवाल के स्वास्थ्य और संबंधित मुद्दों पर उनसे बात की जाएगी. ऐसे में आज शाम तक तक सीएम मान किसान आंदोलन और डल्लेवाल की सेहत की जानकारी लेंगे. उम्मीद की जा रही है कि कोई बड़ा फैसला भी लिया जा सकता है.
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने शुक्रवार को खनौरी में संवाददाताओं से कहा कि डल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य के बावजूद केंद्र किसानों से बात नहीं करना चाहता है. कोहाड़ ने पूछा कि केंद्र बातचीत से क्यों भाग रहा है? किसानों के प्रति यह उदासीन रवैया क्यों है?" उन्होंने कहा कि दल्लेवाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह देश के किसानों के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार हैं. कोहाड़ ने कहा कि केंद्र या पंजाब सरकार को डल्लेवाल को उनकी इच्छा के विरुद्ध धरना स्थल से हटाने के लिए किसी भी तरह का बल प्रयोग नहीं करना चाहिए.
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