केंद्र और किसानों की बातचीत के बीच इस यूनियन ने मारी एंट्री, कर दी बड़ी डिमांड

केंद्र और किसानों की बातचीत के बीच इस यूनियन ने मारी एंट्री, कर दी बड़ी डिमांड

किसान संगठन ‘एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा’ ने एंट्री मारते हुए सरकार से मांग की है कि एमएसपी की गारंटी देने से अकेला काम नहीं चलेगा, बल्‍कि एमएसपी से नीचे आयात की हुई कोई कृषि उपज न बिके, ऐसा फैसला लेना होगा. संयुक्त किसान मोर्चा-गैर राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा के लोग सरकार से 6 घंटे बात करते हैं. बातचीत को बढ़िया बताते हैं लेकिन नतीजा शून्‍य होता है.

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केंद्र और किसानों की बातचीत के बीच इस यूनियन ने मारी एंट्री, कर दी बड़ी डिमांडएमएसपी कि‍सान मोर्चा की बैठक में शामिल हुए किसान नेता

केंद्र सरकार और आंदोलनरत किसान यूनियन संयुक्‍त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बीच एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर इस साल फिर बातचीत शुरू हुई है. इस बीच, एक और किसान संगठन ने इस बातचीत को लेकर बड़ी डिमांड रख दी है. मालूम हो कि 14 फरवरी और 22 फरवरी को दो बैठकें हो चुकी हैं, जो बेनतीजा रहीं, अब अगली बैठक 19 मार्च को होनी है. ऐसे में किसान संगठन ‘एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा’ ने एंट्री मारते हुए सरकार से मांग की है कि एमएसपी की गारंटी देने से अकेला काम नहीं चलेगा, बल्‍कि एमएसपी से नीचे आयात की हुई कोई कृषि उपज न बिके, ऐसा फैसला लेना होगा. 

ऑन कैमरा करिए बातचीत: वीएम सिंह

एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष वीएम सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा-गैर राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा के लोग सरकार से 6 घंटे बात करते हैं. बातचीत को बढ़िया बताते हैं लेकिन नतीजा शून्‍य होता है.  19 मार्च को होने वाली बातचीत को ऑन कैमरा करिए. बातचीत खुले में होनी चाहिए, ताकि पूरा देश देखे. सरकार सिर्फ तारीख देकर खेल खेल रही है. 19 मार्च को भी बातचीत में कुछ नहीं होने वाला है. सिंह ने कहा कि आंदोलनरत मोर्चों से कहा कि मेरे मोर्चे में 252 किसान संगठन हैं. बस हमे एक हफ्ते का टाइम चाहिए और हमारे सभी संगठन सामने होंगे. एमएसपी गारंटी की एक ही मांग हो तो हम सपोर्ट करेंगे. 

'सरकार धन्‍ना सेठों पर मेहरबान'

सिंह ने सरकार से कहा कि आपको जिससे बात करनी है करो, लेकिन एमएसपी की गारंटी अनाज, फल, सब्जी और दूध सब पर दो. चीनी मिल मालिकों को सरकार की ओर से मिनिमम सेलिंग प्राइस दिया जाता है, जब 26 रुपये कीमत थी, तब सरकार ने उन्हें 31 रुपये की गारंटी दी. धन्नासेठों को दिया, किसानों को क्यों नहीं? वीएम सिंह ने कहा कि जो लोग पहले एमएसपी की बात नहीं करते थे, वो भी अब एमएसपी-एमएसपी कर रहे हैं, जबकि मुद्दा सबसे पहले मैंने उठाया था.  

'राज्‍यों को दी जाए MSP लागू करने की शक्ति'

राजू शेट्टी ने एमएसपी गारंटी का प्राइवेट मेंबर बिल बनाया था, विपक्ष के सभी नेताओं के साइन हैं. अगर राज्य सरकार को अधिकार मिल जाए तो सभी सरकारे गारंटी देंगी. किसान नेता राजू शेट्टी ने कहा कि न्यूनतम वेतन की तरह सरकार एमएसपी गारंटी का कानून बनाए. अगर गारंटी नहीं देना है तो उसे उसकी वजह बतानी चाहिए. 

आज एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा की बैठक हुई, जिसमें वीएम सिंह, बलराज भाटी,  रोहित जाखड़, राजू शेट्टी, पीवी राजगोपाल, गुरुस्वामी, राजेंद्र सिंह, छोटेलाल श्रीवास्तव, भोपाल चौधरी, संजय सिंह, जगबीर सिंह, जसकरण सिंह, केदार सिरोही, कमांडर शांगपलियांग, यावर मीर, राजाराम त्रिपाठी जैसे नेता शाम‍िल हुए, इनमें से कई नेता वीडियों कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े. 

'हमने वर्ष 2000 में उठाई थी MSP की मांग'

वीएम सिंह ने MSP गारंटी किसान मोर्चा के पुराने उल्लेखों और नए प्रस्तावों का समर्थन किया. सिंह ने बताया MSP का मुद्दा पहली बार पूरनपुर, पीलीभीत (उत्तर प्रदेश) से 20 अक्टूबर 2000 को शुरू हुआ था, जिसमें रेल और सड़क यातायात पूरी तरह बंद था. उस वक्त न तो सोशल मीडिया था और न टीवी चैनल थे, उसके बावजूद भी ये आंदोलन इतना प्रभावशाली था कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने यूपी के तत्कालीन सीएम रामप्रकाश गुप्ता और तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को दिल्ली बुलाया और रामप्रकाश गुप्ता को हटाकर राजनाथ सिंह को सीएम बनाया. सीएम बनते ही उन्होंने MSP पर खरीद की मंजूरी दी. 

'कोरोना काल में खत्‍म किया गया केस'

इसके बाद सरकारी खरीद में रिश्वतखोरी को लेकर हाईकोर्ट में (वीएम सिंह बनाम भारत सरकार, 5112 ऑफ 2000) केस शुरू हुआ और 9 नवंबर 2000 के आदेशानुसार पूरे यूपी में धान की खरीद की मॉनिटरिंग चालू हुई और उसके लिए प्रमुख सचिव खाद्य को अधिकारी नियुक्त किया गया, जो हर 2 हफ्ते में कोर्ट आकर खुद अपनी रिपोर्ट पेश करते थे. कोर्ट के माध्यम से खरीद के मापदंड बनाए गए. वीएम सिंह ने यह भी बताया कि कुछ साल बाद जब हाईकोर्ट ने सरकार की दलीलों पर अपना दबाव खत्म कर दिया तो सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में हाईकोर्ट के आदेशों को लागू कर मुकदमे को वापसी भेजा. 

सैकड़ों बार कोर्ट में पेशी हुई, जिसके चलते यूपी सरकार ने 20 साल तक खरीद की ओर कोरोना की चपेट में होने के कारण मेरी गैर हाजिरी में सरकार द्वारा कोर्ट को गुमराह करते हुए कहा गया कि अब सरकार ने ऐसी नीतियां बनाई हैं, जिससे MSP पर  खरीद सुरक्षित है, उसी दिन कोर्ट ने उनकी दलील मानते हुए इस मामले को खत्म किया. सिंह ने कहा कि कोरोना के कारण राजू शेट्टी और मैं बीमार हुए तो कुछ लोगों ने कहा कि वीएम सिंह एमएसपी की बात करता है, हम उसे हटा रहे हैं. आज उन्हीं लोगों को मुंह की खानी पड़ रही है और अब 3 साल बाद हर नेता एमएसपी की बात कर रहा है.

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