महाराष्ट्र में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इन चुनावों से पहले राज्य में राजनीतिक समीकरण काफी बदलते हुए नजर आ रहे हैं. ताजा घटनाक्रम के तहत किसान नेता रविकांत तुपकर जिन्हें स्वाभीमानी शेतकारी संघटन (एसएसएस) से निकाल दिया गया था, उन्होंने एक नए गठबंधन का ऐलान कर दिया है. उनके इस संगठन का नाम महाराष्ट्र क्रांतिकारी अघाड़ी आने वाले विधानसभा चुनावों में 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगा.
मीडिया से बात करते हुए तुपकर ने कहा, 'गठबंधन महाराष्ट्र में तीसरा विकल्प है.' उन्होंने एसएसएस के प्रेसीडेंट राजू शेट्टी को भी फटकार लगाई है. उन्होंने कहा कि राजू शेट्टी पर व्यक्तिगत लक्ष्यों के लिए संगठन के हितों के साथ समझौता किया है. तुपकर को इससे पहले एक कमेटी के प्रस्ताव के बाद संगठन से हटा दिया गया था. इस कमेटी की स्थापना पार्टी में उनकी स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए किया गया था. तुपकर ने यह ऐलान अकोला से किया है जहां पर विधानसभा चुनाव के लिए किसान संगठनों और राजनीतिक पार्टियों ने इकट्ठा होकर एक नया मोर्चा बनाने की घोषणा की है.
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शरद जोशी के शेतकरी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित बहाले ने अकोला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इस नई 'परिवर्तन अघाड़ी' की घोषणा की. यह नया मोर्चा देश की अर्थव्यवस्था, तंत्रज्ञान और बाजार की आजादी के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ेगा. शरद जोशी के पुराने संगठन के नेता और कार्यकर्ता, जो अब कई संगठनों या पार्टियों में हैं, वो इकट्ठा होकर इस चुनाव में हिस्सा लेने की योजना बना रहे हैं. इसमें प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाडी, राजू शेट्टी, रविकांत तुपकर, बच्चू कडू, और शंकर अण्णा धोंडगे जैसे सामाजिक और आर्थिक मुक्ति के समर्थक शामिल होंगे.
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ललित बहाले ने बताया कि महायुती और महाविकास अघाड़ी के लोग किसानों और उद्योगपतियों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं. उनका मानना है कि बजट एलोकेशन से समस्याएं हल नहीं हो सकतीं. इसकी जगह पॉलिसी में बदलाव की जरूरत है जो उद्योगों के साथ ही साथ किसानों की भी हितैषी हो. उन्होंने यह भी कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर का संगठन, जो महाराष्ट्र में प्रभावशाली है. साथ ही बाकी सामाजिक और आर्थिक मुक्ति के समर्थक एकजुट होकर सत्ता परिवर्तन के लिए काम करेंगे.
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