जयपुर में ‘अन्नदाता हुंकार’ रैली टली, सरकार से बातचीत को तैयार हुआ किसान महापंचायत संगठन

जयपुर में ‘अन्नदाता हुंकार’ रैली टली, सरकार से बातचीत को तैयार हुआ किसान महापंचायत संगठन

किसान महापंचायत संगठन ने कुछ मांगें रखी हैं जिनमें आवारा पशुओं से फसलों को बचाने की मांग, न्यूाई तहसील से सूअर हटाने की मांग, बनेठा-काकोड़ क्षेत्र की 10,000 बीघा भूमि पर पशु अभयारण्य बनाने का प्रस्ताव, बीसलपुर या ईसरदा बांध से नहर प्रणाली द्वारा न्यूाई क्षेत्र को जोड़ने की मांग प्रमुख हैं.

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जयपुर में ‘अन्नदाता हुंकार’ रैली टली, सरकार से बातचीत को तैयार हुआ किसान महापंचायत संगठनकिसान महापंचायत संगठन का विरोध प्रदर्शन टला (सांकेतिक तस्वीर)

राजस्थान की राजधानी जयपुर में 6 अक्टूबर को आयोजित होने वाली ‘अन्नदाता हुंकार रैली’ को किसान संगठनों ने टालने का फैसला किया है. यह निर्णय तब लिया गया जब राज्य सरकार ने किसान महापंचायत के नेताओं से संवाद के लिए सहमति जताई.

तीन दिन पहले जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने किसान नेता रामपाल जाट और किसान महापंचायत के प्रतिनिधियों को सरकार की ओर से वार्ता का निमंत्रण दिया. इसके बाद, किसान नेताओं को मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव से मिलने की स्वीकृति दी गई. किसान महापंचायत के प्रतिनिधियों ने मुख्य सचिव सुधांश पंत से वार्ता करने पर सहमति जताई है.

रामपाल जाट ने कहा, "राजस्थान भर में किसान महापंचायत की तैयारियां पिछले तीन महीने से चल रही थीं. पुलिस की खुफिया रिपोर्टों के बाद सरकार और संगठन के बीच बातचीत की प्रक्रिया शुरू हुई. अब अगली बैठक मुख्य सचिव के 6 अक्तूबर को विदेश दौरे से लौटने के बाद होगी."

किसानों की प्रमुख मांगें

  • आवारा पशुओं से फसलों को बचाने की मांग
  • न्यूाई तहसील से सूअर हटाने की मांग
  • बनेठा-काकोड़ क्षेत्र की 10,000 बीघा भूमि पर पशु अभयारण्य बनाने का प्रस्ताव
  • बीसलपुर या ईसरदा बांध से नहर प्रणाली द्वारा न्यूाई क्षेत्र को जोड़ने की मांग
  • भू-अधिग्रहण मुआवजा और विस्थापितों के अधिकार
  • ईसरदा बांध विस्थापितों को 5 लाख रुपये की जगह 20 लाख रुपये का मुआवजा
  • बीसलपुर बांध विस्थापितों के लिए 2017 की बजाय 2027 तक मुआवजा पात्रता बढ़ाना
  • विस्थापित परिवारों को मूलभूत सुविधाएं देना
  • फसल बीमा और राजस्व संबंधित मांगें
  • फसल कटाई के आकलन को सार्वजनिक किया जाए
  • दोहरी राजस्व वसूली को रद्द किया जाए
  • बांधों (बीसलपुर व गलवा) की सफाई अप्रैल-मई में सुनिश्चित की जाए
  • क्षेत्रीय मुआवजा वितरण
  • नगरफोर्ट और उनियारा के किसानों को 2023-24 के लिए आपदा राहत कोष से मुआवजा
  • पूरे जिले के लिए 2024-25 और 2025-26 का मुआवजा निर्धारित कर वितरित किया जाए

राज्य स्तरीय प्रमुख मांगें

  • एमएसपी को कानूनी गारंटी दी जाए
  • छोटे बांधों में पीने के पानी के लिए आरक्षित जल का नियम हटाया जाए
  • हर गांव की सेवा सहकारी समिति को खरीद केंद्र बनाया जाए
  • 2017 से पहले की तरह RAJFED के माध्यम से खाद वितरण किया जाए

समाधान निकाले सरकार

किसान महापंचायत द्वारा रैली को स्थगित करना और सरकार से संवाद के लिए सहमत होना एक सकारात्मक संकेत है. राज्य सरकार के लिए यह एक अवसर है कि वह किसानों की जमीनी समस्याओं को गंभीरता से सुने और ठोस समाधान निकाले. आने वाले दिनों में मुख्य सचिव के साथ होने वाली वार्ता पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं.

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